गुजरात के रमेशचंद्र फेफर ने दावा किया है कि वे भगवान विष्णु के दसवें अवतार, काल्कि हैं.
गुजरात के रमेशचंद्र फेफर ने दावा किया है कि वे भगवान विष्णु के दसवें अवतार, काल्कि हैं.एएनआई

एक बड़ा ही अजीब वाकया जो धीरे-धीरे खबरों की सुर्खियां बनता जा रहा है, में गुजरात के एक सरकारी अधिकारी ने कहा है कि वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सक्षम नहीं है क्योंकि वह काल्कि, यानी भगवान विष्णु का दसवां अवतार है. रमेशचंद्र फेफर ने दावा किया है कि इस समय 'दुनिया की अंतरात्मा को जगाने' के लिये 'तपस्या' में लीन है. जी हाँ, अपने बिल्कुल ठीक सुना.

दफ्तर न आने के चलते भेजे कारण बताओ नोटिस के जवाब में सरदार सरोवर पुर्नवास्वत एजेंसी (एसएसपीए) के अधीक्षण अभियंता फेफर ने स्पष्ट किया कि उन्हें अनुभूति हुई कि वे भगवान विष्णु के अवतार हैं और वे इस वक्त तपस्या में लीन हैं जिसके परिणामस्वरूप देश में इस वर्ष अच्छी बारिश देखने को मिली है.

प्रेस ट्रस्ट आॅफ इंडिया ने उनके दो पृष्ठों के जवाब के हवाले से लिखा, ''मैं वैश्विक अंतरात्मा को जगाने के लिये अपने घर पर ही रहकर पांचवे आयाम में प्रवेश कर गहन तपस्या में लीन हूं .......... मैं ऐसी तपस्या कार्यालय में बैठकर नहीं कर सकता.''

उम्र के पांचवे दशक के उत्तरार्ध में चल रहे फेफर ने मीडिया से भी बात की और कहा कि वे भगवान विष्णु के दसवें अवतार हैं और वे देश को लेकर बहुत चिंतित हैं.

आप लोग चाहे मेरा यकीन करें या न करें, मैं वास्तव में भगवान विष्णु का दसवां अवतार हूं और मैं आने वाले दिनों में इसे साबित भी कर दूंगा. मार्च 2010 मे एक दिन जब मैं दफ्तर में था तब मुझे इस बात का अहसास हुआ कि मैं काल्कि का अवतार हूं. उसके बाद से मेरे पास दिव्य शक्तियां हैं.

फेफर को भेजे गए नोटिस में एसएसपीए ने कहा है कि उक्त अधिकारी ने बीते आठ महीनों में सिर्फ 16 दिन ही दफ्तर में हाजिरी लगाई है और उनसे इसके बाबत स्पष्टीकरण मांगा गया है. नोटिस के अनुसार, ''ऐसी अनुपस्थिति एक राजपत्रित अधिकारी को शांभ नहीं देती है. आपकी अनुपस्थिति के कारण एजेंसी का कार्य बाधित हो रहा है.''

हालांकि फेफर ने बड़ी बेशर्मी से जवाब देते हुए लिखा है कि यह तय करना एसएसपीए का काम है कि कार्य ज्यादा जरूरी है या फिर देश को निश्चित रूप से डसने वाली सूखे की स्थिति.

फेफर ने कहा, ''यह एसएसपीए को तय करना है कि एजेंसी के लिये मेरा दफ्तर में बैठकर टाईमपास करना ज्यादा जरूरी है या फिर देश को सूखे से बचाने की दिशा में कुछ ठोस काम करना.''

''सिर्फ इसलिये कि मैं काल्कि का अवतार हूंए भारत में अच्छी वर्षा हुई है.''