कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन में कुमारस्वामी को पांच सालों तक मुख्यमंत्री बनाए रखने पर बनी सहमति. (23 मई 2018 को शपथ लेते कुमारस्वामी)
कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन में कुमारस्वामी को पांच सालों तक मुख्यमंत्री बनाए रखने पर बनी सहमति. (23 मई 2018 को शपथ लेते कुमारस्वामी)रायटर्स

कर्नाटक में 15 दिन पुरानी कांग्रेस-जेडी(एस) की एचडी कुमारस्‍वामी की सरकार पर अस्थिरता के बादल मंडरा सकते है. मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने के कारण गठबंधन सरकार से नाराज कांग्रेस के कुछ विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है. अगर विधायकों की इस बगावत को विराम नहीं मिला तो कुमारस्‍वामी सरकार अस्थिर भी हो सकती है.

अंदरखाने तो यह भी सुगबुगाहट है कि इनमें से कुछ असंतुष्ट विधायक बीजेपी के नेताओं से संपर्क में हैं और कुछ कोंग्रेसी विधायक पार्टी का दामन छोड़ने का मन लगभग बना चुके हैं.

कांग्रेसी विधायक एचएम रेवन्ना ने खुलेआम कहा कि वह बीजेपी के सपंर्क में हैं और उन्‍होंने भगवा दल थमने की संभावना से इंकार नहीं किया। बीजेपी ने इस बात की प‍ुष्टि की है. उधर, नाराज विधायकों का कहना है कि केसी वेणुगोपाल और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने सरकार गठन में सही भुमिका नहीं निभाई है.

नाराज विधायकों का कहना है कि कुमारस्‍वामी सरकार में कई ऐसे वरिष्ठ कांग्रेस विधायकों को शामिल नहीं किया गया है, जो पूर्व की सिद्धारमैया सरकार में मंत्री थे. इनमें एमबी पाटिल, दिनेश गुंडूराव, रामलिंगा रेड्डी, आर रोशन बेग, एचके पाटिल, तनवीर सैत, सतीश जारकिहोली सहित कई अन्य नाम शामिल हैं-