सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरREUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo

फेसबुक ने बुधवार को घोषणा की कि वह क्राइस्टचर्च नरसंहार जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए लाइवस्ट्रीमिंग की अपनी सेवा तक पहुंच को कड़ा कर रहा है ताकि ग्राफिक वीडियो को अनियंत्रित तरीके से साझा करने से रोका जा सके।

फेसबुक में 'इंटीग्रिटी' के उपाध्यक्ष गाय रोसेन ने बताया कि जिन लोगों ने तय नियम तोड़े हैं, उन पर फेसबुक के लाइव स्ट्रीमिंग फीचर का इस्तेमाल करने को लेकर प्रतिबंध लगाया जाएगा। रोसेन ने एक बयान में कहा, ''न्यूजीलैंड में हाल में हुए भयावह आतंकवादी हमलों के बाद हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि हमारी सेवाओं को सीमित किया जाए ताकि उनका इस्तेमाल किसी को नुकसान पहुंचाने या घृणा फैलाने के लिए नहीं हो सके।''

'फेसबुक लाइव' पर ''वन स्ट्राइक'' की नीति कई उल्लंघनों को लेकर लागू की जाएगी। नीतियों का गंभीर उल्लंघन करने वालों को एक उल्लंघन के बाद ही प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। रोसेन ने बताया कि किसी संदर्भ के बिना किसी आतंकवादी संगठन के बयान का लिंक साझा करना भी इन उल्लंघनों की सूची में शामिल है।

उन्होंने कहा, ''न्यूजीलैंड हमले के बाद हमने जिन चुनौतियों का सामना किया, उनमें से एक चुनौती हमले की वीडियो के विभिन्न प्रारूपों का प्रसार था।''

रोसेन ने कहा, ''लोगों ने वीडियो के संपादित संस्करण साझा किए जिसके कारण हमारी प्रणालियों के लिए उन्हें रोकना मुश्किल हो गया। हालांकि ऐसा जरूरी है कि लोगों ने जानबूझकर ऐसा किया हो।''

फेसबुक ने घोषणा की कि वह छवि एवं वीडियो विश्लेषण तकनीक में सुधार के लिए अमेरिका के तीन विश्वविद्यालयों के साथ अनुसंधान साझीदारियों पर 75 लाख डॉलर खर्च कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुए हमले की हमलावर ने फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग की थी।