आज बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन का 77वां जन्मदिन है.
आज बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन का 77वां जन्मदिन है.Pinterest

आज बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन का 77वां जन्मदिन है. इस मौके पर देश-विदेश के लोग उनको बधाई दे रहे हैं. अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर कोलकाता के लोग भी उन्हें अपने-अपने अंदाज में बधाई दे रहे हैं. यहां दुर्गा पूजा के दौरान लगभग हर पूजा समिति मां दुर्गा के प्रसाद के साथ जरूरतमंदों और गरीबों को खाना खिलाने की पहल करती है.

अब अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर इसी तरह की तस्वीर शहर के बॉन्डेल गेट इलाके में स्थित एक मंदिर में देखी जा सकती है. बस यहां एक ही अंतर है और वो है मां दुर्गा की जगह यहां बॉलीवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन को पूजा जाता है.

अमिताभ बच्चन को उनके फैन्स यहां 'गुरु' और 'प्रभु' के रूप में पूजते हैं. उनका विवाह भी बंगाली पत्रकार और लेखक तरुण कुमार भादुड़ी की बेटी जया भादुड़ी से हुआ है. प्रशंसक उनकी मूर्ति के सामने सुबह-शाम आरती करते हैं. अमिताभ बच्चन के मंदिर को यहां साल 2011 में स्थापित किया गया था. इस मंदिर के स्थापना के बाद से ही हर साल उनके जन्मदिन पर फैन्स इस मंदिर में इस मौके पर जश्न मनाते हुए उनकी पूजा करते हैं.

इसके बारे में बात करते हुए मंदिर के संस्थापक संजय पाटोदिया ने कहा: "इस साल हम अपने गुरु अमिताभ बच्चन के माता-पिता हरिवंश राय बच्चन और तीजी बच्चन की पूजा करेंगे, क्योंकि उन्होंने हमें इस कोहिनूर से नवाजा है."

उन्होंने आगे कहा, "इस बार, गुरु 77 वर्ष के हो गए, कि बहुत से बच्चे हमारे साथ जन्मदिन के उत्सव में भाग लेंगे. हम उन्हें दोपहर का भोजन प्रदान करेंगे और उन्हें कपड़े, खिलौने, किताबें आदि भेंट करेंगे. किसी भी अवसर पर, हम गुरु के माता-पिता की पूजा करके दिन की शुरुआत करते हैं. इस बार भी हम उनकी प्रतिमा की पूजा करेंगे और उन्हें भोग अर्पित करेंगे."

उन्होंने कहा, "वह केक के शौकीन नहीं है, इसलिए हम उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए मेवा प्रदान करते हैं. उसके बाद हम 77 बच्चों के साथ उसके जन्मदिन का केक काटेंगे. बाद में हम उनके नाम पर पूजा करने के लिए कालीघाट मंदिर जाएंगे और उनके लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करेंगे. हम गुरु के नाम पर मंदिर के बाहर बैठे जरूरतमंद लोगों को खाना भी खिलाते हैं."

अमिताभ बच्चन मंदिर अस्तित्व में कैसे आया? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "1982 में जब अमिताभ बच्चन 'कुली' के सेट पर बुरी तरह घायल हो गए थे, तो उनके प्रशंसक सदमे की स्थिति में चले गए थे. उस समय हमें ऐसा लगा जैसे हम अपने पिता को खो रहे हैं. हम केवल उनके ठीक होने की प्रार्थना कर रहे थे. उस समय से मैं उन्हें एक देवता की तरह पूजा करने का सपना देखने लगा क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि उसे मेरे लिए भगवान से कम कुछ नहीं हैं. आखिरकार, हम 2001 में मंदिर का निर्माण कर सके."

फैन क्लब के सदस्य अमिताभ बच्चन के नाम पर साल भर सामाजिक कार्य करते हैं और बाढ़ राहत, रक्तदान शिविर आयोजित करने जैसे कारणों के लिए दान करते हैं. संजय ने कहा, "हमारा मकसद अमिताभ बच्चन को यह दिखाना नहीं है कि हम उनसे कितना प्यार करते हैं, बल्कि उनके नाम पर सामाजिक कार्य करना चाहते हैं. क्योंकि यही एकमात्र तरीका है कि हम प्रभु को दिखा सकते हैं कि हम उनसे कितना प्यार करते हैं. इतने सालों से यही हम सब कर रहे हैं. हमने बहुत से सामाजिक कार्य किए हैं और उत्तराखंड बाढ़, केरल और असम में मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. हम 45 बच्चों की शिक्षा को भी प्रायोजित करते हैं.

बता दें कि अमिताभ बच्चन के जन्मदिन और उनके 77वें साल में प्रवेश करने को लेकर दुनियाभर में उनके प्रशंसक जश्न मना रहे हैं. भारत के सिनेमा के इतिहास में युगपुरूष का दर्जा रखने वाले हरदिल अजीज कलाकार अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर को ही हुआ था.

इलाहाबाद में 11 अक्टूबर 1942 को जन्मे अमिताभ ने 1969 में फिल्म सात हिंदुस्तानी से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की, लेकिन 1973 में आई फिल्म जंजीर में पुलिस इंस्पैक्टर की उनकी भूमिका ने उन्हें एंग्री यंगमैन का तमगा दिलाया और उसके बाद दीवार और शोले जैसी फिल्मों ने उन्हें एक महान अभिनेता के तौर पर गढ़ दिया.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.