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कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार के तेज होते प्रयासों के बीच आरबीआई ने इस वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटने के लिए कई अप्रत्याशित और लीक से हटकर किए फैसलों की शुक्रवार को घोषणा की। इसी बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि यदि लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया तो सामुदायिक संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है।

भारत में कोरोना वायरस के कुल मामले एवं मृतक संख्या भले ही अमेरिका, ब्रिटेन और इटली जैसे देशों की तुलना में कम है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि लोगों को कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के लिए देशव्यापी बंद का कड़ाई से पालन करना होगा क्योंकि लोगों ने घरों में ही रहने के नियमों का पालन अब नहीं किया तो सामुदायिक स्तर पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा।

देश के प्रमुख अस्पताल समूहों के डॉक्टरों ने यह चेतावनी भी दी है कि बंद केवल वायरस के संक्रमण को फैलने की रफ्तार कम करेगा और इस अवधि में भारत को कोविड-19 की जांच समेत अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए अपने स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत कर लेना चाहिए।

सर गंगाराम अस्पताल के डॉ अरविंद कुमार ने कहा, ''हजारों लोग हाल ही में दूसरे देशों से लौटे हैं और इनमें कई का अभी पता चलना है। कई जांच नहीं करा रहे और कई घर में पृथक रखे जाने के बावजूद घूम रहे हैं। उसके बाद गरीब लोग एक से दूसरी जगह जा रहे हैं तो ऐसे में भी संक्रमण का खतरा है। क्या सरकार इन सभी लोगों के घरों के बाहर पहरा लगा सकती है? डेढ़ अरब आबादी वाला देश है!''

उन्होंने कहा कि भारत की जनसांख्यिकी और भूगोल अमेरिका, इटली तथा दक्षिण कोरिया जैसे अन्य देशों से बहुत अलग है, ऐसे में चिकित्सक बिरादरी में आशंका है कि लोग अगर बंद के नियमों को लगातार तोड़ते रहे तो ज्ञात संपर्कों से परे संक्रमण फैलना शुरु हो सकता है।

रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने को लेकर बैंकों के धन की लागत कम करने और उनके पास नकदी की उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ संकट के इस दौर में कर्जदारों को कर्ज की मासिक किस्त जमा करने की तीन माह की मोहलत दिलाने जैसे कई बड़े कदमों की शुक्रवार को घोषणा की।

इन निर्णयों में महत्वपूर्ण रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती भी शामिल है। यह पिछले एक दशक से भी अधिक समय की सबसे बड़ी कटौती है। इसके अलावा इन फैसलों में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी डाले जाने के उपाय शामिल हैं।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह बताया कि देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर शुक्रवार को 17 हो गई और संक्रमित मामले 854 पर पहुंच गए और इनमें से 66 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हालांकि मंत्रालय ने कहा कि सामुदायिक संक्रमण का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है।

इस बीच, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य सरकारों से 18 जनवरी और 23 मार्च के बीच अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से भारत में प्रवेश करने वालों की निगरानी को तत्काल सख्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि इसकी जरूरत इसलिए है क्योंकि दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए और कोविड-19 को लेकर जिन लोगों की निगरानी की जा रही है उनकी संख्या और कुल आए लोगों की संख्या में अंतर प्रतीत होता है।

सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में गौबा ने कहा कि विदेश से लौटे सभी यात्रियों की निगरानी में अंतर या कमी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने की सरकार की कोशिशों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है, क्योंकि अन्य देशों से लौटने वाले लोगों में से कई कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं।

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिजर्व बैंक की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक ने कोरोना वायरस के संक्रमण से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये बड़े कदम उठाये हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ''इन घोषणाओं से बाजार में तरलता की स्थिति बेहतर होगी, कर्ज की ब्याज दरें कम होंगी तथा मध्यम वर्ग और कारोबारियों को मदद मिलेगी।''

दिल्ली सरकार ने जोर दिया कि अगर राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन कोरोना वायरस के 100 मामले भी सामने आते हैं तो इस स्थिति से भी निपटने की पूरी तैयारी की गयी है।

वहीं, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने 13 लाख अधिकारियों और जवानों वाली सेना को कोरोना वायरस के संक्रमण से अलग रखने तथा इस महामारी को रोकने में सरकार की हरसंभव सहायता के लिए शुक्रवार को 'ऑपरेशन नमस्ते' की शुरूआत की। आपादाओं से निपटने में कुशल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने कहा है कि घातक कोविड-19 के बढते मामलों और उसके फलस्वरूप देश में लगाये गये अप्रत्याशित बंद के बीच यदि बल की सेवाओं की जरूरत पड़ी तो उसके लिए एनडीआरएफ ने पूरी तरह कमर कस ली है।

प्रधान ने कहा कि बल के कर्मी भी अपनी तैयारी के तहत कोविड-19 राज्य नियंत्रण कक्षों में मौजूद हैं। उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ''हमने प्रति बटालियन 84 छोटी कोर टीमें बनायी हैं। यह बल निजी सुरक्षा उपकरणों के साथ हर बटालियन में 600 कर्मियों को शामिल करने का प्रयास कर रहा है... हमने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को सूचित किया है कि हमारे कर्मी बिल्कुल तैयार हैं और प्रोटोकॉल के तहत जब भी हमारी जरूरत हो हमें बुलाया जा सकता है।''

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कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए भारत में 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा बुधवार को की गई थी। इस वैश्विक महामारी के कारण विश्व भर में अब तक 25,066 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से ज्यादातर मौतें यूरोप में हुई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह नौ बजकर 15 मिनट पर अपने ताजा आंकड़ों में बताया कि महाराष्ट्र में चार लोगों की मौत हो गई जबकि गुजरात में तीन लोगों की मौत हुई है। कर्नाटक में अभी तक दो लोग जान गंवा चुके हैं जबकि मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में एक-एक शख्स की मौत हुई।

आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के ऐसे मामलों की संख्या 640 है जिनमें रोगियों का उपचार चल रहा है जबकि 66 लोग या तो स्वस्थ हो गए या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई तथा एक व्यक्ति कहीं चला गया। मंत्रालय ने बताया कि संक्रमित लोगों के कुल 724 मामलों में 47 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

दिल्ली में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है जिनमें से पांच को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, एक व्यक्ति की मौत हो गई है और एक देश से बाहर चला गया है। तमिलनाडु में शुक्रवार को नौ और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई। सरकार ने बताया कि राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 38 हो गई है। पंजाब में कोरोना वायरस से पांच और लोगों के शुक्रवार को संक्रमित पाए जाने के बाद राज्य में संक्रमण के कुल मामले 38 हो गए हैं।

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के पांच नये मामलों के सामने आने के बाद वहां इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर छह हो गई है।आंध्र प्रदेश सरकार के मुताबिक राज्य में शुक्रवार को दो व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद राज्य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 13 पहुंच गई। मेघालय सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए 400 बिस्तरों की कुल क्षमता वाले चार पृथक केंद्र स्थापित किए हैं।

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अस्पताल में संक्रमण संबंधी नियंत्रण टीमों द्वारा चलाए जा रहे ''आवश्यक'' प्रशिक्षण मॉड्यूल से गुजरे बिना किसी रेजिडेंट चिकित्सक को कोविड-19 केंद्र में नियुक्त नहीं किया जाएगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की महामारी एवं संक्रामक रोग इकाई के प्रमुख डा. रमन आर गंगाखेडकर ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कोरोना वायरस के उपचार की दवा विकसित करने के लिये भारत, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ दुनिया के तमाम देशों की साझेदारी वाली परीक्षण प्रक्रिया में अपनी भागीदारी कर सकता है। उन्होंने कहा कि परीक्षण के फलस्वरूप नयी दवाओं की खोज हो सकेगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कोरोना वायरस महामारी पर चर्चा करने के लिए सी40 सिटीज क्लाइमेट लीडरशिप ग्रुप द्वारा शुक्रवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग से आयोजित वैश्विक बैठक में दिल्ली और भारत का प्रतिनिधित्व किया। एक बयान के अनुसार केजरीवाल ने कहा, ''यह अप्रत्याशित स्तर का संकट है और हम दुनिया के नेताओं से सीखने और उनके साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मिलकर जीतेंगे।''

उन्होंने कहा कि दिल्ली ने संक्रमित लोगों को पहचानने और उन्हें पृथक करने की नीति आक्रामकता से अपनाई है। इस बैठक में लॉस एंजिलिस के मेयर एरिक गारसेटी, सियोल के मेयर वून-सून पार्क, पेरिस की मेयर एनी हिडाल्गो, मिलान के मेयर गुइसेप्पा साला, इस्तांबुल के मेयर इकरेम इमामोगलू तथा रोम की मेयर वर्जीनिया रागी समेत कई नेता शामिल हुए।

इस बीच रक्षा मंत्रालय के आदेश के अनुसार सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए चिकित्सकीय एवं पृथक केंद्र स्थापित करने की खातिर उपकरण खरीदने के लिए सेना के कोर एवं डिविजनल कमांडरों को आपात वित्तीय शक्तियां दीं हैं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा लिखा गया है.