'गोमूत्र पार्टी'
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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने या ठीक होने के एक उपाय के तौर पर 'गोमूत्र' पीने के लिए लोग यहां शनिवार को 'गोमूत्र पार्टी' में कतार में खड़े होकर अपनी-अपनी बारी का इंतजार करते नजर आये।

अखिल भारत हिंदू महासभा का प्रमुख होने का दावा करने वाले स्वामी चक्रपाणि ने कार्यक्रम में गोमूत्र पीने के बाद कहा कि कोरोना वायरस (ईश्वर का) एक अवतार है जो मांस खाने वालों को दंडित करने के लिए अवतरित हुआ है। महासभा ने यहां अपने परिसर में इस पार्टी का आयोजन किया था। चक्रपाणि ने मांस खाने वालों की ओर से इस वायरस से माफी मांगते हुए संकल्प लिया कि भारतीय फिर कभी मांस नहीं खाएंगे।

उन्होंने दावा किया, ''लोगों द्वारा पशुओं का वध करने और उन्हें खाने के चलते कोराना वायरस आया है। जब आप किसी पशु का वध करते हैं तब यह एक तरह की ऊर्जा पैदा करता है जो उस स्थान पर तबाही का कारण बनती है। यही कारण है कि यह (वायरस) पूरी दुनिया में फैल रहा है।''

केंद्र सरकार द्वारा लोगों को इस बारे में अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की सलाह देने के बावजूद उनकी यह टिप्पणी आई है। दरअसल, ये अफवाहें फैलायी जा रही हैं कि कोरोना वायरस अंडे, चिकेन, मांस और समुद्री भोजन खाने के जरिये फैल रहे हैं। केंद्रीय मत्स्यपालन, डेयरी एवं पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने छह मार्च को संवाददाताओं से कहा था कि पशु स्वास्थ्य के लिए विश्व संगठन और भारतीय खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने कहा है कि पशुओं से मानव में कोरोना वायरस के संक्रमण को साबित करने का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है।

'गोमूत्र पार्टी'
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मंत्री ने कहा था, ''...मैं लोगों से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि वे इस तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।'' जब दुनिया भर के चिकित्सक कह रहे हैं कि कोरोना वायरस के लिए अभी कोई इलाज नहीं है, ऐसे में चक्रपाणि ने दावा किया कि गोमूत्र 'कोविड-19'के लिए एकमात्र इलाज है और वैश्विक नेताओं से इसे पीने तथा इस संक्रामक रोग के खिलाफ लड़ाई में एक उदाहरण पेश करने का अनुरोध किया।

उन्होंने दावा किया, ''हमारे सभी नेता और अधिकारी गोमूत्र पीते हैं। लेकिन वे बीमार पड़ने पर ही बंद कमरे में ही ऐसा करते हैं । लेकिन यह इस तरह काम नहीं करता।'' चक्रपाणि ने जोर देते हुए कहा कि बीमारियों को दूर रखने के लिए गोमूत्र रोजाना पीना चाहिए। उन्होंने कहा, ''गोमूत्र जीवनदायिनी है। हर किसी को इसे पीना चाहिए।''

कार्यक्रम एक यज्ञ के साथ शुरू हुआ और गाय तथा वायरस की प्रार्थना की गई। साथ ही, वायरस से शांतिपूर्वक चले जाने तथा और अधिक लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाने को कहा गया। कार्यक्रम में पृष्ठभूमि में लगे एक बड़े पोस्टर पर भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार को कोरोना वायरस के रूप में प्रदर्शित किया गया था।

चक्रपाणि ने जोर देते हुए कहा कि वैश्विक नेताओं को भारत से गोमूत्र मंगाना चाहिए क्योंकि यह करिश्माई औषधि देने वाली गाय सिर्फ भारतीय नस्ल की है।

महासभा प्रमुख ने कहा, ''मैं विश्व के सभी राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों से रोजाना आधार पर गोमूत्र पीने का अनुरोध करता हूं। आपके पास ऐसे वैज्ञानिक हैं जो उपचार के बारे में नहीं जानते, हमारे पास ईश्वर का दिया उपचार है।''

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के पूर्व महानिदेशक कीर्ति भूषण ने पीटीआई भाषा से कहा कि इन दावों के पीछे ऐसा कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि गोमूत्र कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज कर सकता है।

उन्होंने कहा, ''चिकित्सा विज्ञान में हम किसी औषधि को 100 या अधिक लोगों पर आजमाने के बाद ही उसे निदान कहते हैं। जबकि यह एक एकपक्षीय दावा है और इसका कोई आधार नहीं है। कोरोना वायरस के लिए अभी कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। काफी संख्या में वैज्ञानिक एक समाधान तलाशने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।''

वहीं, कार्यक्रम में स्वयंसेवी रहे राजेश शर्मा ने कहा, ''आज आप सिर्फ एक गिलास (गोमूत्र) पीजिए और कल सुबह फर्क जान जाएंगे। मैं आपको यह लिख कर दे सकता हूं।''

गोमूत्र कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पश्चिम विहार से आई सविता नाम की एक महिला ने गोमूत्र पीते हुए कहा, ''मैं रोजाना गोमूत्र पीती हूं, इससे ज्यादा स्वास्थ्यवर्द्धक कुछ नहीं है। मेरे परिवार में हर कोई यह पीता है।''

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.