Corona

देश के कई राज्यों से कोरोना वायरस के नये मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 125 हो गई। इसमें 22 विदेशी और दिल्ली तथा कर्नाटक में कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले दो लोग शामिल हैं। दिल्ली में अब तक इसके सात मामले सामने आए हैं और उत्तर प्रदेश में एक विदेशी नागरिक समेत 13 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के तीन विदेशी नागरिकों सहित 39, कर्नाटक में आठ, लद्दाख में चार, जम्मू-कश्मीर में तीन और तेलंगाना में चार मरीज हैं। वहीं राजस्थान में दो विदेशी नागरिकों सहित कुल चार लोग संक्रमित पाए गए हैं।

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पंजाब में एक-एक मामला सामने आया है। ओडिशा में भी सोमवार को कोविड-19 का पहला मामला आया था। इसके अलावा हरियाणा में सभी 14 संक्रमित लोग विदेशी हैं और उत्तराखंड में भी एक मामला सामने आया है। केरल में दो विदेशी नागरिक सहित 24 लोग वायरस से संक्रमित हैं। इसमें पिछले महीने इससे ठीक हो चुके तीन लोग भी शामिल हैं।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार केरल के तीन मरीजों सहित कुल 13 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि संक्रमित 125 लोगों के सम्पर्क में आए 52,000 से अधिक लोगों की पहचान हो चुकी है। वे किस-किससे तथा कहां मिले इसका पता लगाया जा रहा है और उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

ल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित कर चुका है। इससे अब तक 7000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका में भी कोरोना वायरस से 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका ने कोरोना वायरस के टीके का परीक्षण शुरू कर दिया है। सोमवार को पहले शख्स पर इस टीके का प्रयोग किया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसकी प्रशंसा की और कहा कि यह दुनियाभर में सबसे जल्दी विकसित किया जाने वाला टीका है।

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चीन से दुनिया के 141 देशों में फैले कोरोना का अभी तक टीका या निश्चित दवा विकसित नहीं हुई है। ऐसे में अगर अमेरिका सफल होता है तो यह बड़ी बात होगी। हालांकि इस टेस्ट में समय लगेगा। इस प्रयोग की स्टडी लीडर डॉ. जैकसन ने बताया कि कोरोना वायरस जैसी आपदो को दूर करने के लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं।

पहचान उजागर न करने की शर्त पर 45 लोगों को इस प्रयोग के लिए चुना गया है। इनको अलग अलग मात्रा में टीका दिया जाएगा। दरअसल देखना ये है कि इस टीके का कोई दुष्प्रभाव तो नहीं है। सोमवार को एक व्यक्ति को यह टीका लगाया गया। इसके बाद तीन और को लगाया जाएगा। इन 45 लोगों को अलग रखा गया है। सभी के ऊपर होने वाले असर का अध्ययन किया जाएगा।

43 साल की एक महिला जेनिफर हैलर भी इसमें शामिल होंगी। उन्होंने कहा, 'हम बहुत असहया महसूस कर रहे थे लेकिन इस तरह अगर हम किसी के काम आते हैं तो यह हमारा सौभाग्य है।' इस वैक्सीन को कोड नेम mRNA-1273 दिया गया है। अमेरिका ही नहीं दुनियाभर के कई देश कोरोना वायरस का टीका बनाने में लगे हैं। इसमें रूस चीन और साउथ कोरिया शामिल है।

इस रिसर्च के लिए 18 से 55 साल के लोगों का चयन किया गया है। बाद में इनका ब्लड सैंपल लेकर पता किया जाएगा कि टीके का कोई साइड इफेक्ट तो नहीं हो रहा है। दरअसल यह वैक्सीन भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली है। डॉक्टरों ने बताया कि इस टीके से संक्रमण का खतरा नहीं है क्योंकि इसका प्रोटीन ह्यूमन सेल के संपर्क में नहीं आता है।

(समाचार एजेंसी पीटीआई और एपी के इनपुट के साथ)