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हरिद्वार से चली किसान क्रांति यात्रा आखिरकार दिल्ली के किसान घाट पहुंचकर खत्म हो गई. मंगलवार को दिल्ली में दाखिल होने से रोके जाने के बाद किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाला था लेकिन देर रात किसानों को दिल्ली में घुसने की इजाजत मिल गई. इसके बाद हजारों किसान अपने ट्रैक्टर पर सवार होकर किसान घाट पहुंचे और चौधरी चरण सिंह की समाधि पर फूल चढ़ाकर इस यात्रा को खत्म कर दिया गया.

आंदोलन खत्म होने के बाद ट्रैफिक नॉर्मल हो गया है. NH24 और मेरठ एक्सप्रेस वे पर अब ट्रैफिक पहले की तरह सामान्य हो गया है.

भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान घाट पर फूल चढ़ाकर हम अपना आंदोलन खत्म कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है और हमारी कोई भी मांग पूरी नहीं हुई हैं. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अब आंदोलनकारी किसान अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे हैं. हालांकि, दिनभर किसानों और पुलिस के बीच जोरदार संघर्ष देखने को मिला और किसानों को रोकने के लिए वाटर केनन से लेकर आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल तक हुआ.

उधर 15 सूत्रीय मांगों को लेकर दिल्ली धमके किसानों को केंद्र सरकार ने बुधवार को तड़के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दे दी. इससे पुलिस कर्मियों और किसानों के बीच चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया. आंदोलनकारियों के दिल्ली के किसान घाट पहुंचने के साथ ही किसानों का आंदोलन खत्म हो गया.दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिलने के बाद भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के प्रमुख नरेश टिकैत की अगुआई में हजारों किसान 200 से अधिक ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान घाट पहुंचे. टिकैत ने इसे किसानों की जीत बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अपने उद्देश्यों में विफल रही है.

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टिकैत ने कहा कि "सभी कठिनाइयों के बावजूद किसान जुटे रहे. हम अब 12 दिनों से मार्च कर रहे हैं. किसान थके हुए हैं. हम सरकार से अधिकारों की मांग जारी रखेंगे, लेकिन अब हम पदयात्रा खत्म कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि किसान बुधवार को सुबह जल्दी लौट जाएंगे.उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बीच किसानों को प्रशासन ने दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दे दी. इससे वे राष्ट्रीय राजधानी तक की अपनी तय यात्रा पूरी कर सके. बीजेपी के विरोध में नारेबाजी करते हुए किसान बुधवार को रात में लगभग दो बजे किसान घाट पहुंचे.

दिल्ली में दाखिल होने से रोके जाने पर किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की. सरकार ने किसानों की कुछ मांगें मानने पर सहमति जताई थी और कुछ के लिए समय मांगा था. बाद में किसानों ने अपनी मांगों के संबंध में सरकार की ओर से दिए गए आश्वासनों पर भी भरोसा करने से इनकार कर दिया.

गौरतलब है कि किसानों ने बीते 23 सितंबर को हरिद्वार से 200 किलोमीटर से ज्यादा लंबी ये पदयात्रा शुरू की थी. सैकड़ों ट्रैक्टरों में सवार होकर आए किसानों में कुछ महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल थे, जिन्हें पुलिस की कार्रवाई में काफी चोट भी आई है. दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए तीन हजार से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया था. किसानों के प्रदर्शन के चलते बुधवार को गाजियाबाद में स्कूल-कॉलेज भी बंद रखे गए हैं.