-
IANS

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद कांग्रेस ने सभी प्रवक्ताओं से एक महीने तक टीवी बहसों से दूर रखने का फैसला किया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर बताया कि सभी प्रवक्ताओं को अगले एक महीने तक टीवी बहसों में नहीं भेजने का फैसला किया गया है।

सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस ने एक महीने तक टीवी पर होने वाली बहसों में प्रवक्ताओं को नहीं भेजने का फैसला किया गया है।"

कांग्रेस ने एक महीने के लिए टेलीविजन बहस पर प्रवक्ताओं को नहीं भेजने का फैसला किया है। सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "सभी मीडिया चैनलों/एडिटरों से अनुरोध है कि वे अपने शो में कांग्रेस के प्रतिनिधियों को ना रखें।'

माना जा रहा है कि कांग्रेस को लगता है कि अभी-अभी चुनाव हुए हैं और देश का मूड मोदी के साथ है, लिहाजा अभी से सरकार का विरोध करना ठीक नहीं होगा। इसका जनता में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। इसके अलावा, राहुल गांधी ने जिस तरह हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की है और उन्हें अभी भी मनाने की कोशिश की जा रही है, उसे देखते हुए भी प्रवक्ताओं के लिए इससे जुड़े सवालों का जवाब देना काफी मुश्किल होता।

कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने राहुल की पेशकश को नामंजूर कर दिया था लेकिन वह अभी भी गांधी परिवार से बाहर के किसी शख्स को अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर अड़े हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उन्हें मनाने में लगे हुए हैं।

इसके अतिरिक्त, कई राज्यों की इकाइयों के प्रमुखों ने भी हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है। कुल मिलाकर कांग्रेस के भीतर काफी उथल-पुथल जैसा माहौल है। जाहिर तौर पर टीवी चैनलों पर डिबेट में कांग्रेस के प्रतिनिधियों को इनसे जुड़े सवालों से दो-चार होना पड़ता, जिसका सीधा जवाब देने में वे असमर्थ होते। शायद इन्हीं वजहों को देखते हुए पार्टी ने प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट से दूर रहने का फरमान जारी किया है।

इससे पहले, समाजवादी पार्टी ने भी नतीजों के बाद टीवी पर पार्टी का पक्ष रखने वाले सभी प्रतिनिधियों को पद से हटा दिया था और टीवी चैनलों से एसपी की तरफ से किसी को भी न बुलाने का अनुरोध किया था।