गृह मंत्री अमित शाहTwitter / @ANI

एसपीजी कानून में संशोधन पर कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि विपक्षी दल को केवल एक परिवार की चिंता है, जबकि मोदी सरकार को पूरे देश की जनता की चिंता है। उन्होंने यह भी कहा कि गांधी परिवार को जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ सुरक्षा दी गई है।

निचले सदन में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक भी सुरक्षा कर्मी को वहां से कम नहीं किया गया है। बल्कि सुरक्षा बढ़ाई गई है।'' उन्होंने कहा कि पहले एसपीजी अधिनियम में संशोधन एक ही परिवार को ध्यान में रखकर किये गए थे जबकि इस बार प्रधानमंत्री की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बदलाव किये गए हैं।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, ''इन्हें एसपीजी सुरक्षा चाहिए जो प्रधानमंत्री के लिए होती है। लोकतंत्र में जो फैसले जनता करती है उसे स्वीकारा करें, अब आप (सत्ता में) नहीं हैं।''

उन्होंने कहा ''बदले की भावना के तहत कार्रवाई करना कांग्रेस का संस्कार है, हमारी पार्टी का नहीं है।''

उन्होंने कहा कि देश के एक एक व्यक्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत सरकार की है। शाह ने कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों की उन चिंताओं को बेबुनियाद बताया जिसमें कहा गया था कि गांधी परिवार की सुरक्षा के संबंध में राजनीतिक बदले की भावना के तहत काम किया गया है।

शाह ने कहा, ''ऐसी भी बात देश के सामने लाई गई कि गांधी परिवार की सरकार को चिंता नहीं है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि सुरक्षा हटाई नहीं गई है। सुरक्षा बदली गई है। उन्हें सुरक्षा जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है।''

उन्होंने कहा, ''एक इस प्रकार की बातें देश की जनता के सामने लाई जा रही हैं कि एसपीजी कानून को गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए बदला जा रहा है। यह वास्तविकता नहीं है।''

कांग्रेस सदस्यों के आरोपों पर गृह मंत्री ने कहा ''सुरक्षा की समीक्षा के बाद चंद्रशेखर जी की सुरक्षा वापस ली गई, लेकिन तब कोई नहीं बोला, जबकि चंद्रशेखर जी बहुत बड़े नेता थे। बाद में पी वी नरसिंह राव जी की सुरक्षा ले ली गई, तब भी कोई नहीं बोला। आई के गुजराल जी की सुरक्षा ले ली गई। तब भी कोई नहीं बोला।''

उन्होंने कहा ''डॉ मनमोहन सिंह जी की सुरक्षा बदली गई। तब भी किसी ने हल्ला नहीं किया। जबकि नरसिंह राव, मनमोहन सिंह तो कांग्रेस पार्टी के ही थे।''

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने सवाल किया, ''चिंता किसकी है, किसी वीआईपी की या किसी एक परिवार की?'' उन्होंने कहा ''इनको केवल एक परिवार की चिंता है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि गांधी परिवार के एक भी सुरक्षाकर्मी की संख्या कम नहीं की गई है।''

शाह ने कहा कि 2015 के बाद राहुल गांधी ने एसपीजी को बताए बिना भारत के अंदर 1892 बार और विदेशों में बिना एसपीजी को बताए करीब 247 बार यात्राएं की हैं। सोनिया गांधी ने भी अनेकों बार इस तरह बिना बताए यात्रााएं कीं। प्रियंका गांधी ने 339 बार बिना बताए, यात्राएं कीं। उन्होंने कहा कि हमारा उनसे आग्रह है कि उन्हें प्रदान की गई सुरक्षा व्यवस्था का अनुपालन करें।

गृह मंत्री ने कहा कि इस कानून में संशोधन से गांधी परिवार की सुरक्षा कम नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा में पहले के कानून के तहत बदलाव किये गए हैं। इस बारे में मनमोहन सिंह से कार्यालय से आईबी के निदेशक ने वहां जाकर चर्चा की थी। गांधी परिवार के सदस्यों के कार्यालय से जब आईबी निदेशक ने इस विषय पर समय मांगा, तब उन्हें समय नहीं मिल सका।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा हटाई नहीं गयी है बल्कि बदली गयी है और गांधी परिवार को जेड प्लस श्रेणी की पुख्ता सुरक्षा मिली हुई है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा तो कानून में संशोधन से पहले हटा ली गई थी, यह विधेयक तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला है जिनके पद से हटने के छठे साल में उनकी सुरक्षा चली जाएगी। इस कानून से तो केवल वह प्रभावित होंगे।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की जिम्मेदारी एक एक व्यक्ति की है, केवल एक परिवार (गांधी परिवार) की नहीं। इससे पहले विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) संशोधन विधेयक, 2019 को चर्चा एवं पारित करने के लिये रखते हुए शाह ने कहा कि एसपीजी का गठन प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए किया गया था और दुनिया के कई देशों में उनके शासनाध्यक्षों की सुरक्षा के मकसद से ऐसी ही विशिष्ट सुरक्षा इकाई बनाई गई हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक को लाने का मकसद एसपीजी को और प्रभावी बनाना है और यह देखना है कि उसके काम में किसी भी तरह की कोई कोताही न हो।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.