कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते येदियुरप्पा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते येदियुरप्पाएएनआई

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस ने 1996 में गुजरात सरकार में मंत्री रहे वजुभाई वाला के साथ जो किया था उसके बाद उनके पास यह कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि उनके साथ गलत या अन्याय किया जा रहा है.

1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की अगुवाई वाली केंद्र की संयुक्त डेमोक्रेटिक मोर्चे की सरकार ने विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करने से पहले ही गुजरात की सुरेश मेहता के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी जिसके चलते वाला को अपने मंत्रीपद से हाथ धोना पड़ा था.

नाईक ने आगे कहा कि 2004 में भी सदन में बहुमत होने के बावजूद गोवा की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकर को भी बिल्कुल ऐसे ही तत्कालीन राज्यपाल एस.सी. जमीर द्वारा बर्खस्त कर दिया गया था.

मोदी सरकार के मंत्री ने आगे कहा कि 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों के बाद गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा द्वारा इस तटीय राज्य में बीजेपी और उसके गठबंधन सहयोगियों को राज्य सरकार बनाने के लिये आमंत्रित करने में कोई त्रुटी नहीं थी.

नाईक ने कहा, ''अगर वे (कांग्रेस) सबसे बड़े दल थे तो उन्हें सरकार बनाने का दावा पेश करना चाहिये था और ऐसे में निश्चित रूप से राज्यपाल उन्हें आमंत्रित करते. हालांकि वे इकलौते सबसे बड़े दल थे ...... लेकिन उनकी मंशा सरकार बनाने की नहीं थी.''

गोवा के विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक चंद्रकांत कवलेकर नेे गोवा के राज्यपाल से मिलकर उन्हें कर्नाटक में वाला द्वारा निर्धारित किये गए उदाहरण का पालन करते हुए गोवा में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिये आमंत्रित करने के लिये कहा क्योंकि संख्याबल के लिहाज से कांग्रेस राज्य विधानसभा में सबसे बड़ा दल है.

नाईक ने आगे कहा कि गोवा कांग्रेस में एकजुटता नहीं है और अगर वे बहुमत के प्रति आश्वस्त होते तो वे अबतक निश्चित ही राज्य की बीजेपी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ गए होते.