जैश प्रमुख मसूद अजहर
जैश प्रमुख मसूद अजहरReuters

रविवार, 3 मार्च को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर की मौत की अफवाह फैलने के बाद, अब यह सूचना आ रही है कि जैश प्रमुख जीवित है और अब उसे पाकिस्तान सेना के रावलपिंडी बेस अस्पताल से अन्यत्र स्थान पर इलाज के लिये ले जाया गया है । पाकिस्तान ने पहले कहा था कि अजहर "वास्तव में बेहद बीमार" था और वह "अपना घर छोड़ कर भी नहीं जा सकता था।"

एक खुफिया सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जैश प्रमुख पिछले कई महीनों से गुर्दे की बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती था, और अब उसे बहावलपुर के गोठ घनी स्थित जैश के एक शिविर में ले जाया गया है। अजहर को कथित तौर पर रविवार शाम 7.30 बजे वहां ले जाया गया।

हालांकि अभी तक पाकिस्तान की सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूचना मंत्री फवाद चौधरी से पीटीआई ने जब मसूद अजहर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ''मुझे अभी इस बारे में कुछ नहीं पता है।''

अजहर के बारे में ऐसी खबरें हैं कि उसे गुर्दे की बीमारी है और उसका पिछले कई महीनों से रावलपिंडी आर्मी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। रावलपिंडी में ही पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय है। सूत्रों ने बताया कि पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद पाकिस्तान ने मसूद अजहर की सुरक्षा बढ़ा दी थी। अजहर के साथ पाकिस्तान स्पेशल सर्विस ग्रुप के 10 कमांडो को अतिरिक्त सुरक्षा के तौर पर तैनात कर दिया गया।

जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से रविवार को जारी बयान में कहा गया कि अजहर जिंदा है और ठीक है। बयान में जैश ने बालाकोट स्थित अपने ट्रेनिंग सेंटर पर इंडियन एयर फोर्स की कार्रवाई को स्वीकार किया है, लेकिन साथ में किसी मौत से भी इनकार किया है। जैश ने कहा, 'भारत के लड़ाकू विमानों ने इजरायली गाइडेड मिसाइलों से हम पर हमला किया, लेकिन अल्लाह के फरिश्तों ने उन्हें मोड़ दिया और हमारी रक्षा की।'

जैश ने आरोप लगाया कि इमरान सरकार अब परवेज मुशर्रफ की पॉलिसी पर चल रही है। रविवार को जारी अपने बयान में जैश-ए-मोहम्मद ने कहा कि इमरान सरकार पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की नीतियों पर चलना शुरू कर चुकी है। 9/11 के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने को कहा था, जिसके बाद मुशर्रफ ने तमाम आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की थी।

जैश ने अपने बयान में पाकिस्तान सरकार की आलोचना करते हुए कहा, 'पहले उन्होंने (इमरान सरकार) भारतीय पायलट को रिहा किया और अब उन्होंने हमारे मदरसों पर कार्रवाई का फैसला किया है। वे दुश्मन (भारत) के प्रति नरम हो रहे हैं, लेकिन अपने ही लोगों (जैश) पर सख्त।' आतंकी संगठन ने अपने काडर से नए संघर्ष और किसी दूसरी जगह जाने के लिए तैयार रहने को भी कहा है।

रविवार को अजहर की मौत से जुड़ी अफवाह हर तरफ घूमती रही। एक गुमनाम और अपुष्ट ब्लॉग पोस्ट में दावा किया गया कि अजहर इंडियन एयरफोर्स की बालाकोट में एयर स्ट्राइक की रात वही पर मौजूद था।

ब्लॉग पोस्ट में दावा किया गया है कि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में मसूद अजहर और आईएसआई का कर्नल सलीम गंभीर रूप से घायल हुए थे। पोस्ट के मुताबिक, अजहर की शनिवार को मौत हो गई। कुछ अन्य रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अजहर पिछली बार बालाकोट में अक्टूबर में दिखा था, जब भारतीय सुरक्षा बलों ने कश्मीर में एक मुठभेड़ के दौरान उसके भतीजे को मार गिराया था।

पिछले हफ्ते पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में यह बात कबूली थी कि अजहर पाकिस्तान में ही है। हालांकि, कुरैशी ने यह भी कहा था कि मसूद अजहर बहुत ज्यादा बीमार है, इतना कि वह अपने घर से बाहर भी नहीं निकल सकता।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशीSpencer Platt/Getty Images

अजहर की मौत की अफवाह ऐसे समय में उड़ी है जब भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाने के लिए एक बार फिर से प्रयास तेज कर दिया है। इसी महीने फ्रांस को सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिली है और वह अमेरिका व ब्रिटेन के साथ मिलकर सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाया है कि मसूद अजहर को प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में डाला जाए।

चीन इससे पहले आए प्रस्तावों पर अडंगा लगाता रहा है। अजहर की मौत की अटकलों की टाइमिंग को देखते हुए यह शक गहरा रहा है कि संभवतः यह उससे ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान का ही नया पैंतरा है।