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लोकसभा में सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा के बाद मंगलवार को भी निचले सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों पर जोरदार बहस जारी रही। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर जोरदार बहस हुई।

अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद कश्मीर के हालात को लेकर अधीर रंजन चौधरी ने सवाल उठाए। इसपर अमित शाह ने कहा कि कश्मीर घाटी में सबकुछ सामान्य है। मैं कांग्रेस की स्थिति सामान्य नहीं कर सकता हूं, जिसने 370 हटाए जाने पर खून-खराबे की आशंका जताई थी।

अधीर रंजन चौधरी के सवाल का जवाब देने खड़े हुए अमित शाह ने कहा, 'कश्मीर घाटी में हालात सामान्य हैं। मैं कांग्रेस की स्थिति सामान्य नहीं किया कर सकता हूं। इन लोगों ने उम्मीद की थी कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में खून-खराबा होगा लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। एक गोली तक नहीं चली।'

इससे पहले अधीर रंजन चौधरी जम्मू-कश्मीर के नेताओं की रिहाई को लेकर सवाल पूछे। अधीर रंजन ने नैशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला की रिहाई का सवाल भी लोकसभा में उठाया।

इस पर अमित शाह ने कहा, 'हम उन्हें एक दिन भी जेल में नहीं रखना चाहते हैं। प्रशासन को जब लगेगा कि सही समय आ गया है तो नेताओं को रिहा कर दिया जाएगा। फारूक अब्दुल्ला के पिता को कांग्रेस ने 11 साल जेल में रखा था। हम उनका अनुसरण नहीं करना चाहते हैं।'

अमित शाह ने कश्मीर के हालात सामान्य होने का दावा करते हुए कहा, '99.5 पर्सेंट छात्रों ने परीक्षा दी लेकिन अधीर रंजन जी के लिए यह सामान्य नहीं है। श्रीनगर में सात लाख लोगों को ओपीडी की सेवाएं मिलीं। सभी इलाकों से कर्फ्यू और धारा 144 हटा ली गई लेकिन अधीर जी के लिए सामान्य का एकमात्र पैमाना राजनीतिक गतिविधि है। जो स्थानीय निकाय चुनाव कराए गए वह क्या था?'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.