राज्यपाल वजुभाई वाला
राज्यपाल वजुभाई वालाIANS

कर्नाटक में विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार द्वारा कांग्रेस और जेडीएस) के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला होने तक राष्ट्रपति शासन लग सकता है। इसकी वजह यह है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी अनिश्चितता के बीच सरकार बनाने के लिए दावा करने की जल्दी में नहीं है। पार्टी के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

बीजेपी के राज्य प्रवक्ता जी. मधुसूदन ने कहा, 'अगर विधानसभा अध्यक्ष बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करने या खारिज करने में ज्यादा समय लेते हैं तो राज्यपाल (वजुभाई वाला) राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं, क्योंकि इस तरह की स्थिति में हम सरकार बनाने के लिए दावा करना पसंद नहीं करेंगे।' पार्टी विधानसभा अध्यक्ष के अयोग्य करार देने के फैसले को लेकर अस्पष्ट है। कांग्रेस और जेडीएस ने विप को नजरअंदाज करने को लेकर बागी विधायकों को अयोग्य करार देने की सिफारिश की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई के आदेश में कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष दल-बदल विरोधी कानून के अनुसार बागियों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन बागियों ने विधानसभा में मतदान में भाग नहीं लिया। 3 जजों की पीठ ने यह भी कहा कि बागियों को सदन में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, जब उनके इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष 11 जुलाई से लंबित हैं।

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विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफों पर फैसला लेने में ज्यादा समय लेने पर बागी विधायकों के शीर्ष अदालत से इसमें दखल के लिए संपर्क किए जाने की संभावना है। बागी विधायकों की अदालत के समक्ष 10 जुलाई की याचिका में विधानसभा अध्यक्ष को तत्काल इस्तीफा स्वीकार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

मधुसूदन ने कहा, 'इस्तीफों के स्वीकार किए जाने तक विधानसभा का संख्या बल 225 बना रहेगा, इसमें एक नामित सदस्य भी शामिल है, जैसा की बागी भी अभी सदस्य हैं, इस तरह से साधारण बहुमत के लिए 113 संख्या जरूरी है। दो निर्दलियों के समर्थन से हमारी संख्या 107 है, जो बहुमत से 6 कम हैं।' अगर विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं या सदस्यों को अयोग्य करार देते हैं तो विधानसभा का संख्या बल घटकर 210 हो जाएगी और आधी संख्या 106 हो जाएगी, जिससे बीजेपी दो निर्दलीयों के सहयोग से सरकार बनाने में सक्षम होगी।

मधुसूदन ने कहा, 'अगर विधानसभा अध्यक्ष व शीर्ष अदालत को फैसले में समय लगता है तो राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और विधानसभा को निलंबित रख सकते हैं, तब हम दावा करने की स्थिति में हो सकते हैं और अपने बहुमत पर सरकार बना सकते हैं।' अगर बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार किया जाता है या वे अयोग्य करार दिए जाते हैं तो 15 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 6 महीने के भीतर चुनाव कराए जाएंगे।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।