कमलेश तिवारी
कमलेश तिवारीTwitter

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा राजधानी लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या में हुई 5 लोगों की गिरफ्तारी के बाद उनके बेटे सत्यम तिवारी ने कहा है कि उन्हें नहीं पता है कि जो लोग पकड़े गए हैं वास्तव में उन्हीं लोगों ने उनके पिता को मारा है या फिर इस हत्याकांड के निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है. सत्यम ने कहा कि अगर पकडे गए लोग ही असली दोषी हैं और इनके खिलाफ कोई वीडियो सबूत है तो इस हत्याकांड की जांच एनआईए को करनी चाहिए.

कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम का कहना है कि उन्हें यूपी प्रशासन पर भरोसा नहीं है. सत्यम ने आगे कहा कि अगर उनकी जांच में यह साबित हो जाता है तभी वह लोग संतुष्ट होंगे. उन्होंने आगे कहा, 'मुझे इस प्रशासन पर कोई विश्वास नहीं है'.

हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष रहे कमलेश तिवारी ने कुछ महीनों पहले ही हिंदू समाज पार्टी के नाम से राजनीतिक दल का गठन किया था.

कमलेश तिवारी के बेटे ने कहा, 'हम चाहते हैं कि इस मामले की जांच एनआईए करे. हम किसी पर भरोसा नहीं कर सकते. सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद मेरे पिता की हत्या कर दी गई. ऐसे में हम कैसे प्रशासन पर भरोसा कर सकते हैं.' फिलहाल इस मामले की जांच यूपी एसआईटी कर रही है. कमलेश तिवारी की शुक्रवार को लखनऊ में उनके ही दफ्तर में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी.

यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की तफ्तीश की पूरी जानकारी देते हुए कहा था कि आशंका है कि 2015 में कमलेश तिवारी के भाषण के चलते कट्टरपंथी तत्वों ने उनकी हत्या की है.

सत्यम तिवारी
सत्यम तिवारीTwitter / @ANI

इससे पूर्व उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शनिवार की सुबह संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस वारदात में दो और आरोपी शामिल हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. उन्होंने बताया कि तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उप्र के बिजनौर निवासी अनवारूल हक और नईम काजमी के नाम हैं तथा उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

सिंह ने कहा कि सूचनाएं और सुराग मिलने के बाद शुक्रवार को ही छोटी-छोटी टीमें गठित की गई थी. जांच में इस मामले के तार गुजरात से जुड़े होने का संकेत मिला. उन्होंने बताया 'सुरागों के आधार पर मैंने गुजरात के डीजीपी से बात की.' सिंह ने बताया कि लखनऊ के एसएसपी और स्थानीय पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले.

यूपी पुलिस और गुजरात पुलिस की संयुक्त टीम ने सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीन संदिग्धों के नाम मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) हैं. तीनों सूरत के रहने वाले हैं.

सिंह ने बताया कि मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को शुक्रवार रात हिरासत में लिया गया. डीजीपी सिंह ने बताया कि दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया था और उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. इनमें से एक राशिद का भाई और दूसरा गौरव तिवारी है. उन्होंने बताया कि गौरव ने कमलेश को कुछ दिन पहले फोन कर सूरत समेत अन्य जगहों पर भारत हिंदू समाज के लिए काम करने की इच्छा जताई थी.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाडे़ हत्या कर दी गयी. पुलिस के अनुसार, कमलेश तिवारी नाका हिंडोला कि खुर्शेदबाग स्थित अपने घर में खून से लथपथ पाए गए. उन्होंने बताया कि दो लोग उनसे मिलने आए थे. इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पान लाने भेजा था. जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया. कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े थे.

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.