सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरReuters file

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को अपने अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में एक बड़ा झटका लगा है. स्थानीय पार्टी नेता का बेटा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनाव में टक्कर देगा. ये उन्हीं नेता का बेटा है, जो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के 'प्रस्तावक' बने थे.

साल 1991 में राजीव गांधी और 1999 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी के नामांकन पत्र पर बतौर 'प्रस्तावक' हस्ताक्षर करने वाले हाजी सुल्तान खान के बेटे हाजी हारून राशीद ने बताया कि, 'वे कांग्रेस में साइडलाइन महसूस कर रहे थे.' साथ ही कहा, 'स्थानीय नेतृत्व की वजह से अब पूरा समुदाय उपेक्षित महसूस कर रहा है.'

अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने की वजह पर राशीद ने कहा, 'कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व हमें लंबे समय से नजरअंदाज करता आ रहा है. इसकी वजह से इलाके के साथ-साथ समुदाय का विकास प्रभावित हुआ है.' अमेठी में कांग्रेस का मुकाबला कैसे कर पाएंगे इस पर राशीद ने कहा, 'इस संसदीय सीट पर 6.5 लाख मुस्लिम वोटर्स हैं और हम सब कांग्रेस के खिलाफ वोट डालेंगे.'

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के कहने और उसके करने में बहुत बड़ा अतंर है. अमेठी के अलावा कोई और स्थान इसे और बेहतर तरीके से समझा नहीं सकता है. अमेठी में मौजूद गरीबी इसकी कड़वी सच्चाई है और कोई भी इस तथ्य को गांव जाकर सत्यापित कर सकता है. मैंने उनके (राहुल गांधी) खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है ताकि चीजें सही हो सकें.'

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के साथ उनके पिता साजी सुल्तान खान की पुरानी तस्वीरें दिखाईं. उनका घर इंदिर गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी से तीन किलोमीटर दूर फुर्सतगंज में है.

हारून के पिता मोहम्मद सुल्तान बहुत पुराने कांग्रेसी रहे हैं. उन्होंने कहा, '1910 में जन्मे मेरे पिता बहुत युवा उम्र में ही कांग्रेस में शामिल हो गए थे. हमने 70 सालों से ज्यादा समय तक कांग्रेस का समर्थन किया है लेकिन अब महसूस किया कि पार्टी अमेठी का विकास नहीं चाहती है. 70 साल का समय बहुत लंबा होता है. यदि हम अब नहीं जागे तो हम कभी भी अपने भाग्य को बदल नहीं पाएंगे.'

बता दे, भाजपा ने अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को चुनाव मैदान में उतारा है, जिससे इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है. ईरानी 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी से हार गई थी लेकिन इनके बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था. साल 2014 में गांधी को 4,08,651 वोट मिले थे और ईरानी को 3,00,748 मत हासिल हुए थे. इस तरह ईरानी को 1,07,903 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था.

इसी तरह का दिलचस्प मुकाबला उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर भी देखने को मिल सकता है जहां भाजपा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान को सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार अजीत सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है. सिंह रालोद के प्रमुख हैं.