सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरTwitter / @ANI

भारतीय सेना की माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स अक्टूबर के महीने में एयरफोर्स के साथ मिलकर अरुणाचल प्रदेश में एक बड़े वॉर गेम का आयोजन करेगी। चीनी सीमा से सटे इलाके में सैनिकों की इस तरह तैनाती होगी जिस तरह युद्ध की स्थिति में की जाती है। यह अपनी तरह का पहला युद्धाभ्यास होगा जिसमें नई गठित 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स हिस्सा लेगी। ईस्टर्न कमांड के तहत यह कॉर्प्स पिछले पांच-छह महीने से युद्धाभ्यास की तैयारी में जुटा है।

भारतीय सेना के उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया, 'वॉर गेम्स के तौर पर तेजपुर की 4 टुकड़ियां अपने-अपने इलाकों की रक्षा के लिए ऊंचे स्थानों पर तैनात की जाएंगी जबकि वायु सेना 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के 2,500 से ज्यादा सैनिकों वाले ब्रिगेड के आकार के दल को उन पर ऊपर से हमला करने में मदद करेगी।'

एयरफोर्स 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के सैनिकों को सी-17, सी-130जे सुपर हर्क्युलस और एन-32 जैसे आधुनिक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के इस्तेमाल से एयरलिफ्ट करेगा। वह सैनिकों को प. बंगाल के बागडोगरा से उठाकर अरुणाचल प्रदेश के काल्पनिक युद्धग्रस्त इलाके तक पहुंचाएगा।

युद्धाभ्यास में टैंक्स, पैदल सेना के वाहनों, हल्के होवित्जर तोपों और एवं अन्य मारक हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा।

युद्धाभ्यास का मकसद पहाड़ी इलाकों में चीन के साथ संभावित युद्ध की स्थिति में 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को विजयी बनाना है। इसके तहत युद्ध रचना को समेकित युद्ध समूहों (इंटेग्रेटेड बैटल ग्रुप्स यानी IBGs) में तब्दील किया जा रहा है। यह पूरी कवायद आर्मी चीफ जनरल विपिन रावत की रीस्ट्रक्चरिंग प्रोसेस का ही एक हिस्सा है।

सूत्रों ने बताया कि एक बार IBGs गठित होने जाने पर सैन्य टुकड़ी को ज्यादा हल्के और कुशल युद्ध इकाई में तब्दील कर दी जाएगी जो दुश्मनों के खिलाफ ज्यादा तेजी से कार्रवाई करने और उसके ज्यादा अंदर तक पहुंचकर चोट करने की क्षमता रखेगी।

IBGs डिविजन से थोड़े छोटे होंगे जिनमें इन्फ्रेंट्री, टैंक रेजिमेंट्स, आर्टिलरी, इंजिनयरों और सिग्नलों के मौजूदा कारक शामिल किए जाएंगे। ये छह-छह बटालियनों से मिलकर बनेंगे और एक टुकड़ी के प्रत्यक्ष नियंत्रण में होंगे।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।