सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरSAJJAD HUSSAIN/AFP/Getty Images

उद्योग संगठनों ने निर्यात तथा रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की शनिवार की घोषणाओं की सराहना की है। उन्होंने इन राहत को निर्णायक करार दिया और कहा कि यह निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था को अच्छा सहारा देगा। उद्योग जगत ने कहा कि सरकार की यह घोषणा उनकी उम्मीदों के अनुरूप है।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने एक बयान में कहा, 'वित्त मंत्री की घोषणा विस्तृत हैं तथा इससे निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था को आवश्यक सहारा मिलेगा। उन्होंने दिक्कतों से जूझ रहे दो क्षेत्रों को राहत देने की घोषणा की है।' एसोचैम ने भी वित्तमंत्री द्वारा राहत की नई किस्त की घोषणा की सराहना की।

एसोचैम के अध्यक्ष बी. के. गोयनका ने कहा कि निर्यातकों की मदद की यह घोषणा उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में दूरगामी साबित होंगे। खुदरा कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि वित्तमंत्री द्वारा दी गई राहत से निर्यात एवं आवास क्षेत्र में तेजी से सुधार सुनिश्चित होगा।

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मयंक जालान ने कहा कि राहत के इन कदमों से निकट भविष्य में रोजगार के असवर सृजित होंगे। उन्होंने वाहन क्षेत्र के लिए भी इसी तरह की राहत की उम्मीद जाहिर की।

इसके अलावा सरकार के रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं के लिए 20,000 करोड़ रुपये का 'दबाव वाली परिसंपत्ति कोष' गठित करने के निर्णय का शनिवार को डेवलपरों और संपत्ति सलाहकारों ने स्वागत किया। हालांकि उन्होंने मांग बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जाने की बात कही।

अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए आर्थिक राहत की तीसरी खेप की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि उन रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं के लिए 20,000 करोड़ रुपये का 'दबाव वाली परिसंपत्ति कोष' बनाया जाएगा जो अभी गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में नहीं बदली हैं या जो राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के तहत दिवाली प्रक्रिया का सामना नहीं कर रही हैं।

ऐसी परियोजनाओं को सस्ता आवास या मध्य आयवर्ग श्रेणी के आवासों के लिए यह वित्तीय सहायत इस कोष से उपलब्ध करायी जाएगी। इसमें 10,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी और बाकी बाहरी निवेशकों से जुटाया जाएगा। इससे डेवलपरों और संपत्ति सलाहकारों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया, लेकिन मांग बढ़ाने में इसे नाकाफी बताया।

रीयल एस्टेट डेवलपरों के संगठन क्रेडाई के चेयरमैन जक्षय शाह ने कहा, ''ताजा घोषणाओं से सरकार ने बस जमी धूल को हटाया है। वह हालात की गंभीरता को नहीं समझ रही है। रीयल एस्टेट जीडीपी में योगदान करने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। यह करोड़ों लोगों को रोजगार देता है। हमें और समर्थन की उम्मीद है।''

उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2022 तक 'सबको आवास' स्वप्न को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। लेकिन यदि अनिवार्य नीतिगत सुधारों की घोषणा नहीं की जाती है तो यह हमारे लिए मुश्किल हो जाएगा।

नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि 20,000 करोड़ का कोष बनाया जाना निश्चित स्वागत योग्य कदम है। इससे सस्ता आवास और मध्यम आयवर्ग श्रेणी की अंतिम समय में वित्त पोषण ना मिलने से रुक गयी कई परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह कोष सिर्फ एनसीएलटी और एनपीए के दायरे से बाहर परियोजनाओं को ही मदद मुहैया कराएगा, लेकिन देरी से चल रही परियोजनाओं के मामले में यह दिल्ली के घर खरीदारों कोई राहत नहीं देगा।

एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि इस कोष से सस्ते आवास और मध्यम आयवर्ग श्रेणी के आवास को तेजी मिलेगी। यह घर खरीदारों के लिए एक उत्कृष्ट त्यौहारी सौगात है। इसके अलावा सस्ते आवास के लिए बाहरी वाणिज्यिक ऋण के नियम आसान बनाना भी एक और स्वागत योग्य कदम है।

संपत्ति सलाहकार कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बजाज ने कहा कि सरकार के कदम सही दिशा में बढ़ रहे हैं। यह रीयल एस्टेट क्षेत्र के सामने पेश आ रही कई दिक्कतों का समाधान करने में मदद करेंगे।

उन्होंने कहा, ''हम इन बदलावों का स्वागत करते हैं। लेकिन हमारा मानना है कि कम मांग और धीमी बिक्री जारी रहने के संदर्भ में रीयल एस्टेट क्षेत्र के मुद्दों का ठीक से समाधान नहीं किया गया है।''

ग्रांट थॉर्नटन में एसोसिएट पार्टनर अशोक सर्राफ ने कहा कि आवासीय कंपनियों को बाहर से ऋण जुटाने के नियमों में राहत देने से डेवलपरों को विदेशी ऋण निवेशकों से कम लागत पर पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी।

पैराडाइम रियल्टी के प्रबंध निदेशक पार्थ मेहता ने कहा था कि वित्त मंत्री सीतारमण की ताजा घोषणाओं का रीयल एस्टेट उद्योग उत्सुकता से इंतजार कर रहा था। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी संकट से रीयल एस्टेट बाजार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

नाहर ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और नारेडको (महाराष्ट्र) की उपाध्यक्ष मंजू याग्निक ने कहा कि आर्थिक नरमी दूर करने के लिए सरकार की ओर से की गयी एक के बाद एक दो घोषणाओं से रीयल एस्टेट क्षेत्र में गति आयी है। उन्होंने इस क्षेत्र के लिए गठित विशेष वित्तीय सुविधा का प्रबंध की जिम्मेदारी आवास तथा बैंकिंग क्षेत्र के पेशेवरों को देने की घोषणा को एक कुशल कदम बताया।

पोद्दार हाउसिंग के प्रबंध निदेशक रोहित पोद्दार ने कहा कि आवास क्षेत्र के लिए विदेशी कर्ज के नियमों में आसानी का निर्णय 'सबके लिए घर' की सरकार की महत्वाकाक्षी पहल के अनुरूप है।

ओमैक्स के मुख्य कार्यकारी मोहित गोयल ने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र में घर खरीदारों की धारणा मजबूत करने में यह कदम अहम भूमिका निभाएंगे।

महागुन समूह के निदेशक धीरज जैन ने कहा कि सरकार के राहत कदमों से बाजार प्रबल होगा और कई घर खरीदारों को जल्द उनके घर का कब्जा मिल जाएगा।

ड्रिप कैपिटल के सह-संस्थापक पुष्कर मुकेवार ने कहा, 'निर्यात क्षेत्र को प्रथमिकता क्षेत्र के तहत अतिरिक्त 36000 करोड़ रुपये से 38000 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराने की वित्त मंत्री की घोषणा निश्चित रूप से एक अच्छी खबर है।'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।