सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरIANS

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में अपनी मरी हुई बच्ची को दफनाने गए एक व्यक्ति को श्मशान में गड्ढा खोदते वक्त जमीन में दबे घड़े में एक जिंदा नवजात बच्ची मिली. उसे भगवान का तोहफा मानते हुए वह शख्स उसे अपने घर ले आया.

सीबीगंज स्थित वेस्टर्न कॉलोनी निवासी हितेश कुमार सिरोही की पत्नी वैशाली महिला दरोगा है. बीते शुक्रवार को वैशाली ने एक प्रीमेच्योर बच्ची को जन्म दिया, जिसकी कुछ देर बाद मौत हो गई. हितेश मृत बच्ची को दफनाने के लिए किला इलाके के एक श्मशान पहुंचे. यहां गड्ढे की खुदाई के दौरान करीब तीन फिट गहराई में मजदूर के फावड़े से टकराकर एक मटका फूट गया. मिट्टी हटा कर देखा तो मटके के अंदर एक बच्ची थी, जिसकी सांस चल रही थी. यह देख कर सभी लोग अचंभित रह गए.

हितेश ने बच्ची को तुरंत बाहर निकाला. बच्ची रो रही थी. उसके लिए दूध का इंतजाम किया गया. हितेश ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. इसके बाद हितेश ने अपनी मृत बच्ची को दफना दिया. बच्ची को कौन गड्ढे में दबा गया? इसकी जानकारी नहीं हो पाई है. इस बच्ची का नाम अस्पताल के स्टाफ ने सीता रखा है.

पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिनंदन सिंह ने बताया कि हितेश शाम को ही बच्ची को दफनाने के लिए श्मशान पहुंचे और गड्ढा खुदवाया. करीब तीन फुट गड्ढा खोदने पर मजदूर का फावड़ा एक घड़े से टकराया. घड़े को जब बाहर निकाला गया तो उसके अंदर एक नवजात बच्ची थी. वह जिंदा थी और उसकी सांसें काफी तेज चल रही थीं. सिंह ने बताया कि हितेश ने उस बच्ची को अपना लिया है.

फिलहाल बच्ची का बरेली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनीत शुक्ला ने बताया कि बच्ची की हालत में सुधार है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र पांडे ने कहा कि बच्ची को जिंदा किसने दफनाया, इसकी जांच की जा रही है.

बिथरी से भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतोल ने बच्ची के पालन पोषण की जिम्मेदारी ली है. राजेश मिश्रा, साक्षी के पिता हैं, जिसने अपनी मर्जी से एक दलित युवक से शादी की थी. इसके बाद विधायक ने राजेश ने बेटी साक्षी से अपने रिश्ते तोड़ दिए थे.

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साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.