सांकेतिक तस्वीर
Creative Commons

उत्तराखंड विधानसभा ने बुधवार को गाय को 'राष्ट्रमाता' का दर्जा देने वाला प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया. गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने का यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी का कहना है कि गाय को राष्ट्रमाता घोषित किए जाने के बाद गोवंश का संरक्षण बेहतर ढंग से हो सकेगा. विधानसभा में कांग्रेस ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया, हालांकि इसके साथ ही राज्य सरकार को ज़मीन पर ज़्यादा गंभीरता पूर्वक काम करने की सलाह दी.

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्या ने कहा कि विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित इस प्रस्ताव पर सदन का आग्रह है कि केंद्र गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मंजूरी दे. वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने के साथ-साथ गाय के संरक्षण का भी प्रयास होना चाहिए.

सदन में विपक्ष के नेता इंदिरा हृदयेश ने कहा, 'गाय को सबसे ऊंचा दर्जा देना अच्छी बात है. लेकिन हमे आए दिन मालूम पड़ता है कि गौशालाओं में ठीक से देखरेख न होने के कारण गायों की मौत हो रही है. गाय को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जा रहा है. कांग्रेस को इससे कोई परेशानी नहीं है पर गाय को सच में इज्जत देने के लिए जमीनी स्तर पर बहुत काम होना है.'

-
ANI

विधानसभा में प्रस्ताव रखने वाली पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमारी सरकार गायों की रक्षा के लिए काम कर रही है. हम पूरा राज्य में गायों के लिए आश्रय बनवा रहे हैं. गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देना इसी दिशा में उठाया गया एक और कदम है.

रेखा आर्या ने कहा कि इस प्रस्ताव के पीछे गाय के धार्मिक, आर्थिक और वैज्ञानिक महत्व है. उन्होंने कहा कि अगर बच्चों को मां का दूध नहीं मिलता तो डॉक्टर भी गाय का दूध पीने की सलाह देते हैं.

गौरतलब है कि गौ सेवा से जुड़े विभिन्न संगठनों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में भारतीय गौ क्रांति की अगुवाई में संविधान में संशोधन कर गाय को पशु की श्रेणी से अलग कर राष्ट्रमाता का दर्जा की मांग की थी.