Twitter / @ganeshjoshibjp

भाजपा उत्तराखंड में लॉकडाउन के कारण प्रभावित लोगों को खाना उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर रसोई चला रही है। इसके साथ ही राज्य की मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी भी लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के जरूरतमंदों तक खाना और राशन पहुंचाने में लगी है। प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने बताया कि 'मोदी रसोई' कई स्थानों पर चलाई जा रही है।

हालांकि, मुख्य रूप से यह रसोई मैदानी जगहों पर चलाई जा रही है जहां बडी संख्या में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। 'मोदी टिफिन' लिखे हुए खाने के पैकेटों का एक फोटो सोशल मीडिया पर घूम रहा है जिसके कवर पर हाथों को धोने और छींकते तथा खांसते समय चेहरे को ढकने के निर्देशों के साथ ही नीचे भाजपा ऋषिकेश मंडल दिखायी दे रहा है। हालांकि, अजय ने 'मोदी टिफिन' के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा। उन्होंने सिर्फ इतना कहा, ''खाना उपलब्ध कराने के तरीके के बारे में कोई नियम नहीं है। हमारा उददेश्य जरूरतमंदों तक पहुंचना है।''

पार्टी ने अपने केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर 28 मार्च को यह अभियान शुरू किया था जिससे लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा न रहे। अजय ने बताया कि अब तक राज्य में जरूरतमंदों को कुल 10,21,679 खाने के पैकेट बांटे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा 94,493 लोगों को दालें तथा अन्य जरूरी सामान समेत राशन के पैकेट भी बांटे जा चुके हैं।

उत्तराखंड की मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी भी लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के जरूरतमंदों तक खाना और राशन पहुंचाने में लगी है। कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लडाई को राजनीतिक विचारधारा से ऊपर बताते हुए पार्टी उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 मार्च को लगाए गये जनता कफर्यू के दिन से ही कांग्रेस कार्यकर्ता जरूरतमंदों की हर प्रकार से मदद कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और हल्द्वानी समेत विभिन्न जगहों पर कांग्रेस कार्यकर्ता 'इंदिरा अम्मा किचन', 'सोनिया किचन' 'अन्नपूर्णा किचन' और 'राम किचन' के माध्यम से प्रतिदिन 7000-9000 लोगों को खाने के पैकेट उपलब्ध करा रहे हैं । इसके अलावा, आटा, चावल, दालें, चीनी, चाय पत्ती और सरसों का तेल भी लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.