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एक इंस्टाग्राम समूह में 'बॉयजलॉकर रूम्स' की घटना का मामला अब दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंच गया है। दो वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि वह इस घटना का स्वत: संज्ञान लें।

इस घटना में 'बॉयजलॉकर रूम्स' समूह में अश्लील संदेश और छेड़छाड़ करके बनायी गयी नाबालिग लड़कियों की तस्वीरों को साझा किया गया था। इस चैट रूम में हिस्सा लेने वाले दिल्ली के किशोरवय लड़के हैं जिन्होंने नाबालिग लड़कियों से संबंधित आपत्तिजनक और अश्लील विवरण साझा किया था। इस चैट रूम का इस्तेमाल कथित रूप से छेड़छाड़ कर बनाये गये लड़कियों के आपत्तिजनक चित्रों पर टिप्पणियां करने के लिये होता था।

अधिवक्ता नीला गोखले और इलम परिधि ने इस घटना के बारे में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल को एक पत्र लिखा है जिसमें लड़कों के एक बड़े समूह की इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों की गंभीरता की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया गया है।

पत्र में कहा गया है कि इस चैट रूम में लड़के सोशल मीडिया के माध्यम से नाबालिग और कम आयु की लड़कियों सहित महिलाओं से बलात्कार करने और उनका यौन उत्पीड़न करने के तरीकों पर चर्चा कर रहे है और इसी वजह से वह यह घटना उनके संज्ञान में ला रही हैं।

इन अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि संबंधित प्राधिकारियों को बच्चों का यौन शेषण से रोकथाम कानून, भारतीय दंड संहिता और सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून के तहत दंडनीय अपराध के आरोप में इस कथित अपराध के लिये प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाये और सारे मामले की यथाशीघ्र जांच करायी जाये।

बॉयजलॉकर रूम्स उस समय विवादों के साथ सुर्खियों में आया जब इसके तमाम स्क्रीनशाट्स हाल ही में सोशल मीडिया पर दिखाई पड़े।

पत्र में कहा गया है कि ये प्लेटफार्म और प्रौद्योगिकी नयी नयी चीजें सीखने और प्रतिभा के विकास के लिए एक वरदान है लेकिन विकृत मानसिकता वाले चंद लोगों को सोशल मीडिया मंचों की विश्वसनीयता और उपयोगिता कमतर करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

पत्र में लिखा है कि पता चला है कि कथित रूप से दक्षिण दिल्ली के लड़कों के 16 से 18 साल की आयु वर्ग के एक समूह ने इंस्टाग्राम पर 'बॉयजलॉकर रूम' बनाया और अब इसमें की गयी बातचीत तथा इसका विवरण सार्वजनिक हुआ है जो बेहद हतप्रभ करने वाला है।

ये विवरण महिलाओं के शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में अश्लील टिप्पणियों से भरे हुये हैं और इसमें छेड़छाड़ कर तैयार की गयी नग्न तस्वीरों को प्रसारित करने की धमकी भी शामिल है। महिलाओं और लड़कियों की नितांत निजी तस्वीरों को अश्लील और बेहूदी टिप्पणियों के साथ साझा किया गया है।

इन अधिवक्ताओं के अनुसार इस समूह के सदस्यों ने सह-सदस्यों को पहले वाले समूह को छोड़ने का अनुरोध किया है ताकि उन्हें खोजा नहीं जा सके और उन्होंने एक नया 'बॉयजलाकर रूम 2.0' बना लिया है। अत: ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके उन्हें दंडित करने की आवश्यकता है।

इस घटना के संबंध में पुलिस ने तीन मई को एक प्राथमिकी दर्ज की थी और इस सिलसिले में एक किशोर को पकड़ा था।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा द्वारा लिखा गया है.