सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरगेटी इमेजेस

तेलंगाना के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशांक गोयल के 24 वर्षीय बेटे शुभम गोयल की तुर्की के इस्तांबुल में 24 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई. वह इस देश में अपने एक मित्र के साथ छुट्टियां बिताने गये थे.

नोएडा में रहने वाले शुभम और सुधांशु को इस्तांबुल में सशस्त्र लुटेरों के एक गिरोह ने घेर लिया और उनसे पैसे की मांग की. एक तरफ जहां सुधांशु ने उनकी मांग मान ली और अपना सामान उन्हें दे दिया, शुभम ने ऐसा करने से इंकार कर दिया.

इससे खफा लुटेरों ने पहले तो उसपर चाकुओं और डंडो से हमला किया और फिर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. द हिंदू ने नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले एक अधिकारी के हवाले से लिखा, ''जब युवा ने उनकी मांग मानने से इंकार कर दिया तो गिरोह के सदस्यों ने उसपर चाकू से वार किया और फिर गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.''

परिवार के सदस्यों ने घटना के बारे में बात करते हुए द इंडियन एक्स्प्रेस को बताया, ''एक तरफ जहां उसके दोस्त ने कुछ डाॅलर देकर लुटेरों से अपना पीछा छुड़ाया, शुभम ने उनका विरोध किया और पैसा देने से इंकार कर दिया. इससे बदमाश गुस्सा हो गए और उन्होंने शुभम के साथ मारपीट करते हुए उसे गोली मार दी.''

हालांकि तुर्की के एक अखबार के मुताबिक गिरोह के सदस्यों ने शुभम की पिटाई की जिसके परिणामस्वरूप लगी चोटों के चलते उसकी मौत हुई.

अमरीका के कैलिफोर्निया में फेडरल बैंक आॅफ अमेरिका के साथ डिप्टी मैनेजर के रूप में कार्यरत शुभम कुछ समय पूर्व ही भारत अपने एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने आया था. उन्होंने और उनके एक दौस्त सुधांशु ने शुभम के अमरीका लौटने से पहले छुट्टियां बिताने इस्तांबुल जाने का फैसला किया.

वर्तमान में तेलंगाना सरकार में प्रधान सचिव (श्रम) के रूप में कार्यरत शशांक अपने बेटे की मौत की खबर सुनते ही नई दिल्ली के लिये रवाना हो गए. विदेश मंत्रालय की मदद के बाद शुभम के पार्थिव शरीर कोशनिवार, 26 मई को भारत के लिये रवाना किया गया. इसके बाद पार्थिव शरीर को परिवार के पुश्तैनी स्थान उत्तराखंड के रुड़की ले जाया गया जहां रविवार, 27 मई को उनका अंतिम संस्कार किया गया.

इस घटना से कुद दिन पहले ही तेलंगाना के एक और वरिष्ठ नेता के बेटे की भी असामयिक मौत हुई थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद बंडारू दत्तात्रेय के बेटे वैष्णव की हृदयघात के चलते बुधवार, 23 मई को मौत हो गई.

बताया जाता है कि वैष्णव रामनगर के अपने घर में परिजनों के साथ रात का खाना खा रहे थे और वे अचानक गिर पड़े. परिवार उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर गया लेकिन मध्यरात्रि के करीब उनकी मौत हो गई.

हैदराबाद के मेडीसिटी मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस के छात्र वैष्णव की उम्र मात्र 21 वर्ष की थी.