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Reuters

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के 'बीजेपी की जीत' वाले दावे पर पलटवार किया है। दरअसल, पाक पीएम ने कहा था कि यदि लोकसभा चुनावों में बीजेपी जीतती है तो भारत-पाक शांति वार्ता की बेहतर संभावनाएं होंगी। 'नवभारत टाइम्स ऑनलाइन' को दिए स्पेशल इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर इमरान का बयान अपने 'रिवर्स स्विंग' से भारत के चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश है।

पीएम ने साफ कहा, 'हमें नहीं भूलना चाहिए कि इमरान खान एक क्रिकेटर थे और उनका हालिया बयान रिवर्स स्विंग से भारतीय चुनावों को प्रभावित करने की एक कोशिश थी। हालांकि, भारतीय जानते हैं कि किसी स्विंग हो रही गेंद पर हेलिकॉप्टर शॉट कैसे लगाया जाता है।' उन्होंने आगे कहा कि हमें यह भी याद रखना चाहिए कि पाकिस्तान के चुनावों के दौरान उन्होंने मोदी के नाम का इस्तेमाल कैसे किया था। उनका नारा था - मोदी का जो यार है, वो गद्दार है... वो गद्दार है।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने बीजेपी को घेरने के लिए इमरान खान के इस बयान का इस्तेमाल किया था कि यदि लोकसभा चुनावों में बीजेपी जीतती है तो भारत-पाक शांति वार्ता की बेहतर संभावनाएं होंगी। दरअसल, बीजेपी और मोदी अक्सर विपक्षी पार्टियों पर 'पाकिस्तान समर्थक' होने का आरोप लगाते हैं। इस इंटरव्यू में मोदी ने पूरे विश्वास से कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनावों में बीजेपी पहले से ज्यादा सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी के लिए अभूतपूर्व समर्थन देख रहे हैं और 11 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान से उनका यह विश्वास और मजबूत हुआ है।

बीजेपी द्वारा अपने चुनाव प्रचार में असल मुद्दों की बजाय 'उग्र-राष्ट्रवाद' को मुद्दा बनाने को लेकर हो रही आलोचना पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि उनके भाषण का बड़ा हिस्सा विकास पर केंद्रित होता है, लेकिन वह कभी सुर्खियां नहीं बनता। आपको बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की अगुआई में बीजेपी को लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 282 पर जीत मिली थी।

मोदी ने उल्टा यह सवाल भी किया कि क्या दशकों से जारी आतंकवाद और सैनिकों की शहादत असल मुद्दे नहीं माने जा सकते। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा के अहम मुद्दे पर कुछ भी नहीं करने वालों को अब ऐसे समय में समस्या हो रही है, जब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत में बड़े पैमाने पर रणनीतिक बदलाव किए गए हैं।'

पीएम मोदी ने सैन्य बलों के राजनीतिकरण के विपक्ष के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा, 'सेना का राजनीतिकरण उस वक्त हुआ जब उन्होंने हमदर्दी हासिल करने के लिए सेना द्वारा विद्रोह की फर्जी खबर गढ़ी। यह तब हुआ जब 1971 के युद्ध में जीत का श्रेय इंदिरा जी को दिया गया।' मोदी ने कहा कि देशभक्ति कोई 'रोग' नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति एवं मूल्यों की जड़ पर हमला करने के लिए 'उग्र-धर्मनिरपेक्षता' का आविष्कार किया गया था। इसी तरह 'देशभक्ति' को नकारात्मक तरीके से दिखाने के लिए 'उग्र-राष्ट्रवाद' शब्द का आविष्कार किया गया है।

उत्तर प्रदेश में BJP के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि राज्य के लोग उनके लिए वोट करेंगे जो देश को सर्वोपरि मानते हैं, वे उनके लिए वोट नहीं करेंगे जो परिवार को सर्वोपरि मानते हैं। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 71 पर जीत मिली थी। हालांकि इस बार कई राजनीतिक विश्लेषकों को लगता है कि पार्टी के लिए 2014 का अपना प्रदर्शन दोहराना आसान नहीं होगा।

मोदी ने आरोप लगाया कि निजी हित के कारण राज्य में एसपी-बीएसपी एकजुट हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में डबल इंजन से विकास हो रहा है क्योंकि केंद्र एवं राज्य सरकारें जिंदगियां बदलने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश 'विजन' के लिए वोट करेगा, 'विभाजन' के लिए नहीं।

अपने प्रतिद्वंद्वियों को कठघरे में खड़ा करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस जैसी पार्टियां भारत को 'भ्रष्टाचार और लूट' के युग में वापस ले जाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खिलाफ देश में ऐसा मूड है कि पार्टी खुद अब तक की सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे आर्थिक अपराधियों के फरार होने के मुद्दे पर विपक्ष के हमले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी सरकार क्रिश्चियन मिशेल, राजीव सक्सेना और दीपक तलवार जैसे भ्रष्टाचार के आरोपियों को वापस लेकर आई। उन्होंने कहा, 'मैं फिर कहना चाहता हूं कि देश को लूटने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।'