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ANI

श्रीलंका की सरकार ने कभी भी इतने बड़े हमले की उम्मीद नहीं की थी। यह बात वहां के रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नेंडो ने कही। उन्होंने कहा कि पूर्व की खुफिया जानकारी के बाद भी इतनी बड़ी संख्या में चर्चों को सुरक्षित रख पाना 'असंभव' था। बता दें कि रविवार को ईस्टर के मौके पर चर्चा और होटलों को निशाना बनाकर 8 सिलसिलेवार धमाके किए गए थे। इन हमलों में करीब 300 लोग मारे गए थे। मरने वालों में 35 विदेशी, जिनमें 8 भारतीय भी थे।

श्रीलंका के इतिहास में सबसे खतरनाक हमलों में से एक माने जा रहे इस हमले को 7 आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया था। हमला करने वाले आतंकी कट्टरपंथी इस्लामिक ग्रुप नैशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के बताए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने खुले तौर पर इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस ने एनटीजे के 24 लोगों को गिरफ्तार किया है।

फर्नांडो ने रिपोर्टरों को बताया कि पूर्व की सूचना के बाद भी इतनी बड़ी संख्या में चर्चों को सुरक्षा दिया जाना असंभव था। उन्होंने कहा कि सरकार को यह कतई भी अंदाजा नहीं था कि हमला इस स्तर का होगा।

स्थानीय संडे टाइम्स से बातचीत में फर्नांडो ने कहा, 'लोकतांत्रिक देश होने के नाते आपातकाल में कानून बनाना संभव नहीं है। ऐसे में बेहद कम कदम हम लोग उठा सकते हैं।' फर्नाडों ने बताया कि खुफिया ईकाई ने सरकार को बताया था कि एक छोटा लेकिन ताकतवर आपराधिक समूह देश में सक्रिय है।

उन्होंने कहा कि एफबीआई ने पहले ही इस संबंध में जांच शुरू कर दी है, वहीं इंटरपोल जल्द ही जांच का काम शुरू करेंगी।

उन्होंने बताया कि सरकार आगे भी होटलों को कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी क्योंकि सरकार ने सिविल वॉर के समय भी होटलों को सुरक्षा नहीं दी थी। यह कार्य उन्हें खुद के दम पर करना होगा।