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इजरायल में बेंजामिन नेतन्याहू का दौर क्या खत्म हो गया? एग्जिट पोल्स के नतीजों पर यकीन करें तो देश के सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहे नेतन्याहू को संसद में बहुमत नहीं मिलेगा। ऐसे में रेकॉर्ड पांचवीं बार पीएम बनने का उनका सपना चकनाचूर हो सकता है।

हालांकि चुनाव प्रचार में नेतन्याहू ने पूरी ताकत झोंक दी थी। उन्होंने अपनी विदेश नीति और दुनिया में इजरायल के कद को दिखाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात की तस्वीरों को भी अपने प्रचार में इस्तेमाल किया था।

इस चुनाव को मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व पर एक जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है। अगर ऐग्जिट पोल्स और नतीजों में समानता रहती है तो किसी को भी बहुमत मिलने नहीं जा रहा है।

120 सदस्यीय इजरायली संसद में नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी गुट को 55-57 सीटें मिल सकती हैं। उधर, नेतन्याहू के मुख्य प्रतिद्वंद्वी बेनी गैंट्ज की ब्लू ऐंड वाइट पार्टी भी 61 के जादुई आंकड़े से पिछड़ती दिख रही है। ऐसे में संभावना इस बात की बन रही है कि देश में मिलीजुली यूनिटी गवर्नमेंट बने।

आपको बता दें कि इजरायल के इस चुनाव पर भारत में भी काफी दिलचस्पी ली जा रही थी। सरकार को भी उम्मीद होगी कि नेतन्याहू के साथ पीएम मोदी की जो केमिस्ट्री बनी है, वह आगे भी जारी रहे। दोनों नेताओं की दोस्ती काफी मशहूर है। हाल के वर्षों में भारत और इजरायल के संबंध काफी मजबूत हुए हैं।

नेतन्याहू के चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी तस्वीरें खूब वायरल हुईं थीं। इजरायल की एक इमारत पर बड़ा बैनर भी लगाया गया था जो दोनों नेताओं के गर्मजोशी भरे संबंध के साथ द्विपक्षीय संबंध को भी दिखा रहा था। नेतन्याहू ने कई विदेशी नेताओं के साथ तस्वीरों वाले बैनर लगवाए थे जिससे जनता को संदेश दिया जा सके।

केंद्रीय चुनाव आयोग ने बताया है कि 69.4 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इजरायल के नागरिकों ने देश में पांच महीने में ही दूसरी बार हुए आम चुनाव में मंगलवार को वोट डाले।

एग्जिट पोल्स से साफ है कि नेतन्याहू की सरकार में विदेश और रक्षा मंत्री रह चुके ए. लिबरमैन किंगमेकर बन सकते हैं। उनकी पार्टी YBP को 8 से 10 सीटें मिल सकती हैं। उन्होंने कहा है कि वह यूनिटी गवर्नमेंट का समर्थन करेंगे।

दरअसल, अप्रैल के चुनावों में 120 सदस्यीय संसद में 61 सदस्यों का गठबंधन बनाने में नेतन्याहू (69) के नाकाम रहने के चलते मध्यावधि चुनाव की जरूरत पड़ी।

केंद्रीय चुनाव समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओर्ली अदास ने कहा, '9 अप्रैल के चुनाव के बाद से अब तक संक्षिप्त अवधि में योग्य मतदाताओं की संख्या में एक फीसदी की वृद्धि हुई है।' चुनाव में करीब 63 लाख योग्य मतदाता थे।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।