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मध्य प्रदेश के इंदौर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस भेजा है। यह नोटिस इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करने और एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने के मामले में भेजा गया है। आकाश को इस मामले में जेल भी जाना पड़ा था जिसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था।

खास बात ये है कि इस मामले में खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बिना नाम लिए उनकी आलोचना की थी। भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने बिना नाम लिए घटना पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि राजनीति में अनुशासन होना चाहिए। दुर्व्यवहार करने वाले लोगों को पार्टी से बाहर कर देना चाहिए। ऐसा बर्ताव अस्वीकार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा करने वाले लोग भले ही किसी के भी बेटे हों, लेकिन उन्हें मनमानी की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके बाद से ही इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि आकाश विजयवर्गीय को बीजेपी नोटिस भेज सकती है।

बताया गया कि बीजेपी की अनुशासन समिति ने पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को कारण बताओ नोटिस भेजा है।

गौरतलब है कि कुछ ही दिनों पहले इंदौर नगर निगम की टीम गंजी परिसर क्षेत्र में एक जर्जर मकान को गिराने पहुंची थी। इसकी सूचना मिलने पर बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय की नगर निगम कर्मियों से नोकझोंक हो गई और आकाश ने नगर निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई कर दी थी। इस घटना को लेकर पुलिस में मामला दर्ज कराया गया और आकाश को जेल भेज दिया था। बाद में उनकी रिहाई के बाद उनके समर्थकों ने जश्न मनाया था और फूलों से स्वागत किया था।

जेल से जमानत पर छूटने के बाद आकाश ने कहा था कि वह जनता की सेवा करते रहेंगे लेकिन उन्होंने इस घटना पर खेद प्रकट नहीं किया था। विधायक आकाश ने जेल से निकलने के बाद कहा था, 'क्षेत्र की जनता के लिए हम आगे भी काम करते रहेंगे। जेल में समय अच्छा बीता।' उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जब एक महिला को पुलिस के सामने घसीटा जा रहा था, मैं कुछ और करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था, जो मैंने किया उस पर शर्मिंदा नहीं हूं लेकिन मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दें।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।