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सरकार ने आतंकवाद रोधी एक नये कानून के तहत बुधवार को जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज मुहम्मद सईद, मुंबई आतंकी हमले के आरोपी जकी-उर-रहमान-लखवी और भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी घोषित कर दिया। ये चारों लोग भारत में आतंकवादी हमलों में शामिल रहे हैं और उन्हें संयुक्त राष्ट्र के तहत ''वैश्विक आतंकवादी'' करार दिया जा चुका है।

संसद द्वारा 'गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम (यूएपीए) कानून 1967' में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दिए जाने के करीब एक महीने बाद ये निर्णय लिए गए हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि नए कानून के तहत इन्हें सबसे पहले आतंकवादी घोषित किया गया है।

यूएपीए के मुताबिक पहले सिर्फ किसी समूह या संगठन को आतंकवादी घोषित किया जा सकता था। लेकिन कानून में किये गए हालिया संशोधनों से सरकार को किसी व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित करने की शक्ति मिल गई है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ''पहले जब आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित किया जाता था, तब उनसे जुड़े लोग नाम बदल लेते थे और आतंकी हरकतों को अंजाम देना जारी रखते थे।''

मंत्रालय ने कई आतंकी घटनाओं का हवाला दिया, जिसमें पाकिस्तानी आतंकवादी अजहर शामिल था। इनमें 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा परिसर पर हमला, 2001 में संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट एयर बेस पर हमला और 2017 में श्रीनगर में बीएसएफ कैंप पर हमला और 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ की एक बस में विस्फोट शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत संयुक्त राष्ट्र ने एक मई, 2019 को अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था और विशेष न्यायाधीश, नयी दिल्ली ने उसे भगोड़ा घोषित किया था।

गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना ​​है कि मौलाना मसूद अजहर आतंकवाद में शामिल रहा है और उसे इस कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया जाना चाहिए। गृह मंत्रालय ने सईद के बारे में कहा कि वह विभिन्न हमलों में शामिल था। इनमें वर्ष 2000 में लाल किला, रामपुर (उत्तर प्रदेश) में सीआरपीएफ शिविर और 2008 में मुंबई हमला शामिल है। मुंबई आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे।

जमात-उद-दावा के संस्थापक सईद को भी संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर, 2008 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव 1267 के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था।लश्कर कमांडर लखवी के बारे में मंत्रालय ने कहा कि वह 2000 में लाल किला, 2008 में रामपुर सीआरपीएफ कैंप, 2008 में मुंबई और जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ के काफिले सहित कई हमलों में शामिल था।

लश्कर को आतंकवादी गतिविधियां (रोकथाम) कानून 1967 की पहली अनुसूची के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर, 2008 को लखवी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था।

मंत्रालय ने कहा कि दाऊद एक अंतरराष्ट्रीय अंडरवर्ल्ड अपराध गिरोह चलाता है और वह भारत तथा विदेशों में बेनामी रियल एस्टेट कारोबार चलाने के अलावा धार्मिक कट्टरता, आतंकवाद को धन मुहैया कराने, हथियारों की तस्करी, जाली नोटों का कारोबार, धनशोधन, जबरन वसूली जैसे कृत्यों में भी संलिप्त रहा है। वह आम लोगों को आतंकित करने तथा सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने के लिए प्रमुख हस्तियों की हत्या के प्रयासों में भी शामिल था।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत संयुक्त राष्ट्र ने दाऊद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। मंत्रालय ने कहा कि दाऊद ने मार्च 1993 में मुंबई में अपने सहयोगियों के साथ सिलसिलेवार बम विस्फोटों को अंजाम दिया था, जिसके परिणामस्वरूप 257 लोगों की मौतें हुई और 1000 से अधिक लोग घायल हुए। साथ ही, बड़े पैमाने पर संपत्तियों को नुकसान हुआ।

मंत्रालय ने कहा है, ''केंद्र सरकार का मानना है कि दाऊद इब्राहिम कासकर आतंकवाद में शामिल रहा है और वह कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया जाए।''

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।