खबरों के मुताबिक आईएसआई पाकिस्तानी कैदियों को भारतीय सेना पर हमले के लिये तैयार कर रही है. (सांकेतिक तस्वीर)
खबरों के मुताबिक आईएसआई पाकिस्तानी कैदियों को भारतीय सेना पर हमले के लिये तैयार कर रही है. (सांकेतिक तस्वीर)क्रिएटिव कॉमन्स

कुछ मीडिया रिपोर्ट पर अगर भरोसा किया जाए तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई नियंत्रण रेखा के इस पार तैनात भारतीय सेना पर हमले के लिये अपने देश की विभिन्न जेलों में बंद अपराधियों को प्रशिक्षण दे सकता है.

जी न्यूज के सूत्रों के अनुसार, पाकिसतान के साथ सीमा साझा करने वाले उत्तर भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित सेना की पोस्टों पर हमला करने के लिये डकैतों और चोरों जैसे कैदियों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

कहा जाता है कि आईएसआई इन अपराधियों को प्रशिक्षण और हथियारों की आपूर्ति का जिम्मा सुभाले हुए है. एक बार प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इन अपराधियों को एलओसी के पार सीमा पार अभियानों में विशेज्ञता रचाने वाली कमांडो की टीम बाॅर्डर एक्शन टीम (बीओटी) द्वारा अपने यहां तैनात किया जाएगा.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा आरोप तो यह भी लगाया जाता है कि बीओटी के सदस्यों में आतंकवादी भी शामिल हैं ताकि उनके पकड़े जाने पर पाकिस्तान उन्हें नकार सके.

अंग्रेजी दैनिक के अनुसार, इन कैदियों को उनकी 'सेवाओं' के बदले सजा में कमी और नकद ईनाम देने का वायदा भी किया गया है. हालांकि उन्हें मिलने वाला ईनाम इस बात पर निर्भर करता है कि वे उन्हें सौंपे एक मिशन को पूरा करने में कितने सफल रहे हैं.

हालांकि ऐसा कोई पहली बार नहीं है जब आईएसआई गलत कारणों के चलते खबरों में है.

इसी वर्ष मार्च के महीने में पंजाब में एक 34 वर्षीय व्यक्ति को पाकिस्तानी आईएसआई के लिये कथित रूप से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. रवि कुमार को गुरुवार, 29 मार्च को सेना की खुफिया इकाई और स्टट स्पेशल आॅपरेशंस सेल (एसएसओसी) द्वारा गिरफ्तार किया गया.

माना जाता है कि आईएसआई आतंकी संगठनों, विशेषकर जम्मू-कश्मीर से निकटता से जुड़े हुए संगठनों का समर्थन करती है.

अक्टूबर 2017 में पाकिस्तानी सेना ने कथित रूप से आतंकी संगठनों और अपनी युफिया एजेंसी आईएसआई के बीच संबंधों को स्वीकार किया था. हालांकि उसने आगे यह भी जोड़ा था कि ''संबंध'' होने का मतलब आतंकी संगठनों का ''समर्थन'' नहीं माना जा सकता.