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गणतंत्र दिवस के पहले दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने आतंकी संगठन आईएसआईएस से प्रेरित तीन व्यक्तियों को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक ये तीनों राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र या उत्तर प्रदेश में आतंकी हमला करने की साजिश रच रहे थे।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के वजीराबाद इलाके में मुठभेड़ के बाद इन तीनों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक संदिग्धों की पहचान ख्वाजा मोइद्दीन (52), अब्दुल समद (28) और सैयद अली नवाज (32) के तौर पर हुई। तीनों तमिलनाडु के रहने वाले हैं।

उन्होंने बताया कि उनमें से दो हिंदू मुन्नानी संगठन के नेता के पी सुरेश कुमार की हत्या मामले में सशर्त जमानत पर थे। पुलिस ने बताया कि तीनों लोग एनसीआर या उत्तरप्रदेश में आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे। इसके बाद वे नेपाल और फिर पाकिस्तान भागना चाहते थे।

पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) प्रमोद सिंह कुशवाह ने बताया, ''हमें सूचना मिली थी कि तीनों लोग नेपाल होते हुए दिल्ली पहुंचे हैं, यहां किराये पर एक कमरा लिया है और हथियार-कारतूस भी खरीदे हैं। बृहस्पतिवार तड़के वजीराबाद पुल के पास मुठभेड़ के बाद उन्हें पकड़ लिया गया।''

आरंभिक जांच से खुलासा हुआ है कि मोइद्दीन का तार आईएसआईएस से जुड़ा था । के पी सुरेश कुमार की हत्या मामले में सशर्त जमानत पर रिहा होने के बाद उसने अपने सहयोगियों के जरिए भारत में आतंकी संगठन के नेटवर्क को फिर से खड़ा करने की साजिश रची ।

मोइद्दीन ने विभिन्न ठिकाने पर युवकों को इसके वास्ते राजी करने के लिए कई गुप्त बैठकें भी कीं और उन्हें आईएसआईएस से जुड़ने का संकल्प दिलाया। इसके लिए उन्हें विदेश में रहने वाले आका से मागदर्शन मिल रहा था। फर्जी दस्तावेज की मदद से अवैध तरीके से सीमा पार करने के बाद मोइद्दीन, नवाज और समद नेपाल में काठमांडू चले गए थे।

पड़ोसी देश में ठिकाना बनाने के बाद वे भारत-नेपाल सीमा होकर दिल्ली आए थे। उन्होंने बताया कि अपने एक संपर्क के जरिए उन्होंने विदेश में रहने वाला आका से दिल्ली में अपने ठिकाने और हथियार का बंदोबस्त कराया।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.