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Facebook/ Hamza Hizbi

पढ़ाई छोड़ आतंकवाद की राह पर निकले नोएडा की शारदा युनिवर्स‍िटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे जम्मू-कश्मीर के 20 वर्षीय छात्र एहतेशाम बिलाल को पुलिस ने रविवार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. हालांकि पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी से इंकार करते हुए मेडिकल जांच के लिए ले जाने की बात कही है.

गौरतलब है कि एहतेशाम आतंकवाद की राह छोड़कर रविवार को ही वापस घर लौटा है. उसके प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू-कश्मीर (आईएसजेके) में शामिल होने की खबरें आई थीं. बताया जाता है कि माता-पिता की भावुक अपील के बाद युवक ने घर लौटने का फैसला लिया.

श्रीनगर के खानयार का रहने वाला 20 वर्षीय एहतेशाम सोशल नेटवर्किंग साइट पर काली पगड़ी और काला पठानी सूट पहने दिखाई दिया था. उसके सीने पर विस्फोटक बंधे थे और पीछे इस्लामिक स्टेट का झंडा दिखाई दे रहा था. वह अक्टूबर महीने में नोएडा की एक यूनिवर्सटी से लापता हो गया था.

उसके लापता होने की खबर से परिवार हैरान हो गया था और उन्होंने उसे लौटने के लिए राजी करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की. पुलिस ने उनके बेटे की वापसी के लिए हर मदद देने का भरोसा दिया था.

इसके बाद परिवार के सदस्यों की हाथ जोड़े हुए तस्वीरें स्थानीय अखबारों में छापी गई. जिसमें एहतेशाम से 'कम से कम अपने माता-पिता के शव को कंधा देने के लिए घर लौटने' की अपील की गई थी. साथ ही उसके माता-पिता ने आतंकवादी संगठन से उनके बेटे को भेजने की भावुक अपील की थी. उन्होंने अपील में कहा था कि, 'वह पूरे सोफी कबीले में उनका इकलौता बेटा है और उसे अपने परिवार के पास लौटने दिया जाए.'

अपील में उसके पिता बिलाल सोफी के हवाले से कहा गया, 'मेरे बेटे, तुम कहते थे कि जन्नत अम्मी-अब्बू के पैरों में है, इसलिए आ जाओ और फिर से हमारे साथ रहो.' इन अपीलों और पिछले दरवाजे से बातचीत के आखिरकार सकारात्मक नतीजे निकले और वह रविवार को अपने घर लौट आया.

कुछ ही देर में पुलिस द्वारा बिलाल को हिरासत में लेने की ख़बरें आने लगीं. मामले से जुड़े पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गिरफ्तारी का खंडन करते हुए कहा, 'हम भी इंसान हैं. हम युवक के माता-पिता के साथ हैं. उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है और उसे केवल चिकित्सीय जांच के लिए ले जाया गया है. परिवार के सदस्य उसके साथ हैं.'