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Shah Faesal/ Facebook

जम्मू-कश्मीर में बदलते हालात की तस्वीर बनकर उभरे शाह फैसल ने बुधवार को प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कश्मीर और देश के हालात का हवाला देते हुए यह फैसला करने की बात कही है. बता दें कि साल 2009 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) परीक्षा टॉप करने वाले शाह फैसल पहले कश्मीरी बने थे. उसके बाद से वह घाटी में युवाओं को मिल रही नई दिशा और उम्मीद का चेहरा बन गए थे. अटकलें लगाई जा रही हैं कि फैसल अब राजनीति में उतर सकते हैं.

गौरतलब कि फैसल ने वर्ष 2010 में आईएएस परीक्षा में टॉप किया था. उन्हें जम्मू कश्मीर का होम कैडर आवंटित किया गया था, जहां उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, स्कूल शिक्षा निदेशक और राज्य के स्वामित्व वाले पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया. वह हाल ही में हार्वर्ड केनेडी स्कूल में फुलब्राइट फैलोशिप पूरा करने के बाद अमेरिका से लौटे हैं.

शाह फैसल ने बुधवार सुबह ही अपने उच्चाधिकारियों को इस्तीफा भेज दिया था. हालांकि अभी इसे मंजूरी नहीं मिली है. सूत्रों ने बताया कि शाह फैसल की नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल होने और चुनाव लड़ने को लेकर सीट पर चर्चा चल रही है. इस पर जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जा सकता है.

उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा है कि कश्मीर में हो रहीं मौतों के विरोध में वह भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की ईमानदार कोशिशों की कमी नजर आती है. उन्होंने आरोप लगाया है कि करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिम हिंदुत्ववादी ताकतों के हाथों गायब हो गए, हाशिए पर पहुंच गए और सेकंड क्लास नागरिक बनकर रह गए. साथ ही फैसल ने यह भी आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर की विशेष पहचान और भारतीय मेनलैंड में राष्ट्रभक्ति के नाम पर बढ़ती असहिष्णुता का विरोध करते हुए उन्होंने इस पद को छोड़ने का फैसला किया है.

फैसल ने अपने बयान में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक, केंद्रीय जांच ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच एजेंसी को तबाह कर देश के संविधान को बर्बाद किया जा सकता है, इसलिए इसे रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश की चेतन आवाजों को ज्यादा वक्त के लिए दबाया नहीं जा सकता और असली लोकतंत्र हासिल करने के लिए रुकावट पैदा करने वाले माहौल को खत्म करना होगा. उन्होंने बताया है कि शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वह आगे की योजनाओं के बारे में बताएंगे.

बता दें कि अटकलें लगाई जा रही हैं कि फैसल कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नैशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक फैसल बारामुला से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. फैसल के इस्तीफे की सूचना के बाद उमर ने ट्वीट कर उनका स्वागत किया था. उन्होंने कहा था कि ब्यूरोक्रेसी के नुकसान का फायदा राजनीति को होता है.

इस पर अटकलें लगाई जानें लगीं कि दो दिन के अंदर फैसल के NC में शामिल होने का ऐलान हो सकता है. इस पर उमर ने कहा कि उन्होंने फैसल को राजनीति में आमंत्रित किया था लेकिन उनके भविष्य के फैसले का ऐलान खन्हें खुद करना है.

शाह फैसल जम्मू कश्मीर के तमाम मसलों पर बोलते रहे हैं. इसी साल अप्रैल महीने में फैसल ने बलात्कार की घटनाओं के संदर्भ में 'रेपिस्तान' शब्द का इस्तेमाल किया था. इसे लेकर काफी विवाद हुआ. यहां तक कि ये ट्वीट करने के लिए शाह फैसल ने अपने बॉस से चेतावनी भरा पत्र मिलने की जानकारी भी साझा की थी.