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आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले से एक हैरान और परेशान करने वाला वीडियो सामने आया है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में मासूम बच्चों पर टीचर की बर्बरता साफ़ दिखाई दे रही है. जिले के चैतन्य भारती स्कूल के टीचर ने लेट आने के लिए बच्चों को ऐसी सजा दी, जिसके बारे में सोचकर आप हैरान रह जाएंगे.

चैतन्य भारती स्कूल के टीचर ने बच्चों को लेट आने की सजा के तौर पर बाहर बिना कपड़ों के खड़ा कर दिया. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. स्थानीय एक्टिविस्ट बच्चों की काउंसिलिंग की मांग कर रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षक इसलिए नाराज थे क्योंकि बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंचे थे। बच्चों से सवाल जवाब करन के बाद नाराज शिक्षक ने उनको कपड़े उतारकर धूप में खड़े रहने का फरमान जारी कर दिया। इसके अलावा बच्चों पर यह भी आरोप हैं कि उन्होंने शिक्षक की बाद को दरकिनार करते हुए अपना होम वर्क भी पूरा नहीं किया था। बता दें कि ये घटना राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के जिले की है।

शिक्षक के इस प्रताड़ना में जो छात्र शामिल हैं उसमें अधिकतर की उम्र 10 साल के आसपास है। वहीं बच्चों को सजा देने वाले शिक्षक की पहचान चैतन्य भारती के रूप में हुई है। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन पर चिंता व्यक्त करते हुए स्कूल की मान्यता रद्द करने का आदेश दिया है। वहीं इस मामले में बाल अधिकार के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी इस घटना को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस मामले में पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है।

वहीं चित्तूर के जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि मामले की जांच चल रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बच्चों के अधिकार के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ता अत्च्युत राव ने कहा कि इस तरह की सजा बिल्कुल भी स्वीकार करने के योग्य नहीं है. आप किसी भी बच्चे को स्कूल देरी से आने पर इस तरह की सजा नहीं दे सकते. माता-पिता अपने बच्चों को बहुत विश्वास के साथ स्कूल भेजते हैं अगर स्कूल में इस तरह के वाकये होंगे तो माता-पिता क्या करेंगे.