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असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का दूसरा और अंतिम प्रारूप आज कड़ी सुरक्षा में जारी किया गया. आवेदक एनआरसी केंद्रों पर जाकर अपना नाम, पता और फोटो देख सकते हैं. नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन का फाइनल ड्राफ्ट जारी करते हुए रजिस्ट्रार जनरल शैलेश बोले कि आज असम के लोगों के लिए महत्‍वपूर्ण दिन है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्‍होंने बताया कि 3, 29,91,380 लोगों ने किया था, आवेदन जिनमें से 2,89,38, 677 को नागरिकता के लिए योग्य पाया गया है. गौरतलब है कि इसमें उन सभी भारतीय नागरिकों को शामिल किया गया है, जो राज्य में 25 मार्च, 1971 के पहले से निवास करते थे.

राज्य एनआरसी संयोजक ने बताया कि इस लिस्ट के आधार पर अभी किसी को डिपोर्ट नहीं किया जाएगा. हालांकि उन्‍होंने कहा कि यह केवल ड्राफ्ट है, फाइनल लिस्ट नहीं है और जिन लोगों को शामिल नहीं हो पाया है उनके पास आपत्ति और दावा दर्ज करवाने का मौका है. 40 लाख लोगों को इस ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं किया गया. वह शख्‍स जिसका नाम पहले ड्राफ्ट में था, लेकिन इस ड्राफ्ट में नहीं है, उसे व्यक्तिगत तौर पर आपत्ति दर्ज करने और दावा करने का मौका दिया जाएगा.

बता दें कि असम में वैध नागरिकों की पहचान के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) ने यह दूसरा ड्राफ्ट जारी किया है. इसे लेकर राज्य में पहले से ही अल्पसंख्यकों में भय और असमंजस का माहौल था, वहीं असम की सीमा से लगे चार राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय और मणिपुर) ने घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है.

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वहीं इससे पहले राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भरोसा दिया है कि वैध रूप से भारत में आने वाले लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी और उन्हें बाद में विदेशी न्यायाधिकरण के समक्ष अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा. केंद्रीय गृहमंत्री ने साफ किया है कि 30 जुलाई को महज मसविदा प्रकाशित होगा और बाद के दावों और आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम एनआरसी का प्रकाशन होगा. इसके बावजूद अल्पसंख्यकों का भय खत्म नहीं हो रहा है.