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सियासी व तालिमी बेदारी कॉन्फ्रेंस के सहारे अल्पसंख्यकों के बीच नीतीश कुमार की छवि को लेकर भ्रम दूर करने आए बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने सार्वजनिक मंच पर टोपी पहनने से मना कर दिया. जिसके बाद बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि कहीं नीतीश भी बीजेपी के रास्ते पर ही तो नहीं चल रहे हैं.

यह घटना कटिहार के सालमारी की है जहां स्वागत कार्यक्रम के दौरान बिजेंद्र यादव ने सार्वजनिक मंच पर टोपी पहनने से मना कर दिया. सियासी एवं तालीमी बेदारी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए बिजेंद्र यादव सहित विधान परिषद के उपसभापति हारून रशीद, एमएलसी खालिद अनवर समेत कई नेता वहां मौजूद थे.

अल्पसंख्यकों के बीच जनाधार खोने की चर्चा के बीच जदयू डैमेज कंट्रोल की राजनीति के तहत सियासी व तालीमी बेदारी कॉन्फ्रेंस के सहारे अल्पसंख्यकों को शिक्षा और विकास की राजनीती से जोड़ने की कवायद कर एक बार फिर अल्पसख्यकों की रुझान पार्टी की तरफ बढ़ाना चाह रही है. जिसके लिए कद्द्वार मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव एव विधान पार्षद की उपसभापति हारुन रशीद, एमएलसी खालिद अनवर को विशेष जिम्मेदारी दी गई है. खास कर सीमांचल के इलाके में इस तरह के आयोजन का खास महत्व है, जिस पर ऊर्जा मंत्री खुद अपना और पार्टी का पक्ष रखते हुए अल्पसंख्यकों से भ्रमित न होने की सलाह दे रहे हैं.

कटिहार के सालमारी के मंच पर स्वागत के दौरान मंत्री के टोपी पहनने से इंकार करने पर एक बार फिर इसे लेकर सियासी हमला तेज हो गया है. जनचेतना मंच के अध्यक्ष मोहम्मद सलाउद्दीन ने कहा की जदयू अब भाजपा के एजेंडे पर काम कर रही है. इसलिए पहले तो मंत्री जी ने मजार में जाने के लिए मना कर दिया और फिर सार्वजनिक मंच पर अल्पसंख्यकों की आस्था से जुड़ी टोपी पहनने से इंकार कर दिया. हलांकि जदयू ने परस्थिति को समझते हुए डैमेज कंट्रोल के तौर पर बयान जारी करते हुए कहा की उन्होंने टोपी कबूल ली है, इसलिए इस पर बातें नहीं होनी चाहिए.

नीतीश कुमार की छवि हमेशा से अल्पसंख्यकों को साथ में लेकर चलने वाली रही है. उन्हें अल्पसंख्यकों का सर्मथन मिलता आया है लेकिन बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद जेडीयू जहां एक ओर अल्ससंख्यकों का भरोसा जीतने की तमाम कोशिशें कर रही है वहीं, यह घटना सेक्यूलर इमेज के लिए खतरा साबित हो सकता है. वो भी तब, जब चुनाव में काफी कम दिन रह गए हैं.

हालांकि इस मुद्दे पर जेडीयू ने बयान जारी करते हुए कहा है कि बिंजेद्र यादव ने टोपी कुबूल की है, इसलिए इसपर बातें नहीं होनी चाहिए. हालांकि इस मुद्दे पर फिलहाल किसी भी राजनैतिक दल का अभी तक बयान नहीं आया है लेकिन यह देखना भी दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टी क्या प्रतिक्रिया देती है.