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अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कई बड़ी घोषणाएं कीं। बैंकिंग सेक्टर के लिए 70 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की तो ऑटो सेक्टर के लिए भी राहत का ऐलान किया। निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर बढ़ाए गए टैक्स सरचार्ज को वापस ले लिया तो इक्विटी के लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर सरचार्ज बढ़ोतरी के फैसले को भी वापस लिया गया है।

सरकार के इन कदमों से उद्योग जगत उत्साहित है। अमेरिकी उद्योगपतियों ने भी कहा है कि इन कदमों से वैश्विक निवेश स्थल के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाहन उद्योग की मदद के लिए कई उपाय किए। इसमें 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए सभी भारत स्टेज-चार मानक वाले वाहन अपनी पंजीकरण अवधि तक मान्य रहने, वाहन कर्ज सस्ता करने और कबाड़ नीति लाने समेत विभिन्न कदम शामिल हैं। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने इन सभी कदमों का स्वागत किया।

सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने इसे जीएसटी दरों में कटौती के बाद वित्त मंत्री की ओर से दी गई अगली राहत बताया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि उद्योग जगत तहे दिल से इन कदमों का स्वागत करता है। उसके साथ चर्चा के बाद सरकार ने दो हफ्ते से भी कम समय में कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि खुदरा कर्ज को सस्ता बनाना और डीलरों को फंडिंग करना उद्योग की सबसे बड़ी चिंता थी।

मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने कहा कि पूर्ण तौर पर यह राहत उपाय अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचाने वाले हैं, यह वास्तविक ऑपरेशनल मुद्दों का समाधान करेंगे। अर्थव्यवस्था को अगर लाभ मिलता है तो ऑटो सेक्टर को भी फायदा होगा।

महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के एमडी पवन गोयनका ने कहा कि घोषणाएं धारणा को बेहतर बनाने के लिए लंबी दूरी तय करेंगी। यह दिखाता है कि सरकार उद्योग की सुन रही है। टीवीएस मोटर्स के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने कहा कि ये कदम उद्योग जिसकी मांग कर रहा था वही तात्कालिक राहत है।

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जगुआर लैंड रोवर इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रोहित सूरी ने कहा कि मूल्यह्रास को 15 से 30 प्रतिशत करने और बढ़े पंजीकरण शुल्क को अगले साल जून तक टालने के फैसले का सकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि, हमारी मुख्य मांग सभी श्रेणियों के वाहनों के लिए जीएसटी दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने की थी। वास्तविक रूप से मांग इससे ही बढ़ेगी।

उद्योग जगत का कहना है कि सरकार द्वारा किए उपायों से सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने और लोगों में भरोसा कायम करने में मदद मिलेगी। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, 'सबसे महत्वपूर्ण घोषणा एफपीआई और घरेलू निवेशकों से अधिभार हटाया जाना है। किसी अन्य चीज की तुलना में इससे धारणा मजबूत होगी।' उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के जरिए इस तरह की घोषणा करने को एक अच्छा कदम बताया।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि एक शानदार पैकेज से अर्थव्यवस्था लंबी छलांग के साथ अगले स्तर पर पहुंच जाएगी। सरकार ने अब से मार्च, 2020 तक खरीदे गए वाहनों पर 15 प्रतिशत के अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति दी है। साथ ही सरकार ने पुराने वाहनों के लिए कबाड़ नीति भी लाने की घोषणा की है।

उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित है। उद्योग इन सराहना वाले कदमों पर उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया देगा। फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि इन उपायों से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। अर्थव्यवस्था में सुस्ती बढ़ रही है। इन उपायों के प्रभाव में आने के बाद हम आश्वस्त हैं कि कारोबार जगत और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।

क्रेडाई के चेयरमैन जैक्सी शाह ने ट्वीट किया, 'हम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा महत्वपूर्ण उपायों की घोषणा पर उनका आभार जताते हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में मांग, औद्योगिक गतिविधियां और कुल वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।'

पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस के प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता ने कहा कि इन उपायों से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा और आवास वित्त क्षेत्र में नकदी का संकट दूर हो सकेगा। डेलॉयट इंडिया के भागीदार एम. एस. मणि ने कहा कि जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया तेज करन से निश्चित रूप से कंपनियों को फायदा होगा।

सरकार के इन उपायों की गूंज अमेरिका तक पहुंच गई है। अमेरिकी उद्योग जगत ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित सुधारों से वैश्विक निवेश स्थल के रूप में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।

अमेरिकी भारत बिजनस काउंसिल अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने कहा,'प्रस्तावित सुधारों को लेकर हम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारत सरकार की सराहना करते हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को जरूरी प्रोत्साहन देगा और आर्थिक विस्तार की निरंतरता सुनिश्चित करेगा।' उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि इन सुधारों से भारत अतिरिक्त विदेश निवेश आकर्षित कर पाएगा।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।