अरुण जेटली [सांकेतिक तस्वीर]
अरुण जेटली [सांकेतिक तस्वीर]Reuters file

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक बार फिर अपने ब्लॉग के जरिए विपक्ष पर जोरदार हमला बोला है. जेटली ने विपक्ष के उन मुद्दों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया, जिनसे विपक्षी दल चुनाव से पहले सरकार को घेर रहे हैं. वित्त मंत्री ने दावा किया कि कुछ लोग स्वार्थ के कारण एनडीए सरकार की सत्ता में वापसी नहीं चाहते हैं. ऐसे लोग सरकार के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार कर रहे हैं. गौरतलब है कि जेटली इन दिनों इलाके के लिए अमेरिका में हैं.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जेटली ने लिखा, 'कुछ लोग हमारे राजनीतिक व्यवस्था में ऐसे हैं, जिन्हें लगता है कि उनका जन्म ही शासन के लिए हुआ है. कुछ ऐसे लोग हैं जो लेफ्ट या अल्ट्रा लेफ्ट की विचारधारा से प्रभावित हैं, उनके लिए एनडीए सरकार यूं भी पूरी तरह से स्वीकार नहीं करने लायक हैं. इस बीच एक दूसरा वर्ग भी सामने आया है, जिनका काम बस लगातार दुष्प्रचार चलाना है.'

अरुण जेटली ने फेसबुक पर एक ब्लॉग लिखा, 'बार बार झूठ गढ़ने का कोई अफसोस नहीं होता. अगर वे देश के आम हित के खिलाफ चले जाते हैं तो वे तर्क भी गढ़ सकते हैं. वे भ्रष्टाचार के रूप में धर्मयुद्ध का स्वांग रच सकते हैं. अपनी सहूलियत के हिसाब से वे दोहरे मानदंड अपना सकते हैं.' आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण और राफेल रक्षा सौदे समेत कई मुद्दों पर राजनीतिक दलों की निंदा का हवाला देते हुए जेटली ने कहा कि 'बात बात पर झूठ बोलने वालों' का मानना है कि सरकार कुछ अच्छा नहीं कर सकती और इसलिए उसके हर काम में रोड़े अटकाए जाने चाहिए.

अरुण जेटली ने कहा, 'सकारात्मक मानसिकता वाले लोग और राष्ट्रीय शक्ति से राष्ट्र का निर्माण होता है ना कि 'बात बात पर विरोध करने वालों से. क्या वाम उदारवादियों को आजादी के संग्राम के दौरान गांधीजी द्वारा उठाए विभिन्न कदमों में खामियां नजर नहीं आयीं थीं? संप्रभु निर्वाचित सरकार को कमजोर करके और निर्वाचन के अयोग्य को मजबूत करना केवल लोकतंत्र का विनाश है.'

सरकार के विरोध ने नाम पर कुछ लोगों पर अजेंडा चलाने के काम करने का आरोप लगाते हुए जेटली ने तीखा निशाना साधा. उन्होंने लिखा, 'ये लगातार आलोचना करनेवाले लोग सरकार के हर उस प्रस्ताव में, जो लोगों के विकास के लिए हैं, कुछ कमियां ढूंढते रहते हैं. चाहे वह 10 फीसदी आरक्षण देने की बात हो, आधार, नोटबंदी, जीएसटी, सीबीआई विवाद, आरबीआई और सरकार के संबंध, राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट और बिना किसी मुद्दे के सुप्रीम कोर्ट ही हो, या फिर जज लोया केस हो.'

जज लोया केस पर फैसले की आलोचना करनेवालों को भी जेटली ने आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि जब जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने इस पर फैसला सुनाया तो लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना की. कल्पना कीजिए अगर यह फैसला चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने दिया होता तो क्या करते? वित्त मंत्री ने चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस की घटना को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

राफेल मुद्दे पर कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है. जेटली ने इस पर विपक्ष को घेरते हुए कहा कि संसद से सड़क तक कांग्रेस ने झूठा और सरकार की छवि पर चोट पहुंचाने वाला दुष्प्रचार किया. संसद में डिबेट में वे हारे, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस के झूठ फैलाने का कारोबार जारी है.