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अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बड़ा झटका देते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को मिलने वाले वीजा की अवधि को घटा दिया है. अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता के हवाले से बताया गया है कि अमेरिका ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा की अवधि पांच साल से घटाकर तीन महीने कर दिया है.

यह जानकारी एआरवाई न्यूज ने अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता के हवाले से दी है. बता दें कि वैश्विक मंच पर आतंकवाद को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए यह किसी दोहरे झटके से कम नहीं है.

आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान वैश्विक तौर पर अलग-थलक पड़ता नजर आ रहा है. यही वजह है कि आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्‍तान को एक बार फिर से झटका लगा है. अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने फैसला किया है कि वह पाकिस्‍तान के नागरिकों को तीन महीने से ज्‍यादा का वीजा नहीं देगी. बता दें कि इससे पहले तक पाकिस्‍तान के नागरिकों को अमेरिका की ओर से पांच साल तक का वीजा दिया जाता था.

इतना ही नहीं अमेरिका ने वीज़ा की अवधि घटाने के साथ-साथ वीज़ा के लिए दी जाने वाली फीस भी बढ़ा दी है. यानी अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक अमेरिका जाना चाहता है तो वह एक बार में 12 महीने से अधिक वहां नहीं रह सकता है, अगर उसे अधिक समय तक वहां रहना हुआ तो उसे वापस पाकिस्तान आना होगा और वीज़ा को रिन्यू करवाना होगा.

नए आदेश के अनुसार, वर्क वीज़ा, जर्नलिस्ट वीज़ा, ट्रांसफर वीज़ा, धार्मिक वीज़ा के लिए फीस में बढ़ोतरी की गई है. इनके लिए जो भी वीज़ा अभी है उसमें 32 से 38 डॉलर तक की बढ़ोतरी की गई है.

यानी, अगर अब कोई पाकिस्तानी पत्रकार अमेरिका जाना चाहता है तो उन्हें वीज़ा अप्लाई करने के लिए 192 डॉलर देने होंगे जबकि कुछ अन्य कैटेगरी में 198 डॉलर की फीस हुई है. अमेरिका के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2018 में करीब 38 हजार पाकिस्तानियों को US का वीज़ा देने से इनकार किया गया था.

दरअसल, इससे पहले आतंकवाद को लेकर भी पाकिस्तान को अमेरिका ने खरी-खोटी सुनाई थी और पाक की सरजमीं पर आतंकवाद को पनाह न देने के चेतावनी दी थी. अमेरिका ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान की सरजमीं पर हुए एयर स्ट्राइक पर भी भारत का साथ दिया था और जैश के आंतकी कैंप पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई को जायज ठहराया था.