एमजे अकबर की फाइल फोटो
एमजे अकबर की फाइल फोटोANI

यौन शोषण के खिलाफ शुरू किए गए #metoo अभियान ने अब जोर पकड़ लिया है और बॉलीवुड के बाद अब यह राजनीति में भी पहुंच गया है. इसका नया शिकार बने हैं केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर. विदेश मंत्री राज्य मंत्री एम जे अकबर पर दो महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. 2017 में एक महिला पत्रकार ने आपबीती बताई थी, जिसके मुताबिक उसके बॉस ने उसे होटल के कमरे में उसे जॉब इंटरव्यू के लिए बुलाया था. गौरतलब है कि अकबर कई अखबार और पत्रिकाओं में संपादक रह चुके हैं।

अपनी कलम की ताकत से पत्रकारिता जगत में बड़ा नाम, सम्मान और शोहरत पाने वाले मौजूदा विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर पत्रकार प्रिया रमानी ने यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं. प्रिया रमानी ने अपने आरोप को पूरी मजबूती के साथ पेश किया है और इस सिलसिले में कई ट्वीट्स किए हैं जिनमें उन्होंने न सिर्फ अपना पूरा दर्द बयान किया है, बल्कि यौन शोषण की पूरी कहानी को दोहराई है.

उन्होंने एक लंबा पोस्ट करते हुए लिखा है, "इस आर्टिकल में एम जे अकबर के साथ की मेरी कहानी है. कभी उनका नाम नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं 'किया' था." वो आगे लिखती है कि कई महिलाओं के पास इस शिकारी को लेकर और घटिया कहानियां हैं- संभव है इसके बाद वो अपनी कहानी साझा करें.

अपनी कहानी में प्रिया ने बताया है कि कैसे एक युवा पत्रकार के तौर पर वो और उनके साथ आए तमाम सहकर्मी एमजे अकबर को सम्मान से देखते थे और अबकर के साथ काम करना उनकी हसरत पूरी होने जैसा था.

हार्वे विन्सिटन्स ऑफ द वर्ल्ड नाम से लिखे पोस्ट में कहा कि अकबर ने होटल के कमरे में उनका इंटरव्यू लिया और उन्हें शराब ऑफर की. उन्होंने बिस्तर पर उनके पास बैठने को भी कहा. पोस्ट में कहा गया कि अकबर अश्लील फोन कॉल्स, मैसेज और असहज टिप्पणी करने में माहिर हैं.

रमानी की लिखी अपबीती का पूरा ब्यौरा

ये तथ्य एम जे अकबर के बारे में लिखने से शुरू कर रही हूं. उनके बारे में बहुत सारी महिलाओं के बुरे अनुभव हैं. उम्मीद हैं वो भी इसे साझा करेंगी. आपने मुझे करियर में पहला पाठ पढ़ाया. मैं 23 की थी और आप 43 के. आप को पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी, प्रोफेशनली आप मेरे हीरो थे. सभी लोग कहते थे आपने देश की पत्रकारिता को बदल दिया है, इसलिए मैं आपकी टीम का हिस्सा बनना चाहती थी. आपने मुझे इंटरव्यू के लिए साउथ मुंबई के एक होटल में बुलाया. शाम के 7 बज रहे थे. होटल की लॉबी में पहुंचकर मैंने आपको फोन किया, आपने कहा आ जाओ. रूम में पहुंची तो वहां डेटिंग जैसा माहौल ज्यादा था, इंटरव्यू का कम. आपने अपने मिनी बार से मुझे ड्रिंक ऑफर किया, मैंने मना कर दिया. आपने वोदका ली, एक छोटे टेबल पर मैं और आप इंटरव्यू के लिए आमने-सामने थे. वहां से मुंबई का मरीन ड्राइव जिसे क्वींस नेकलेस कहते हैं, दिख रहा था. आपने कहा कितना रोमांटिक लग रहा है, आपने हिंदी फिल्म का पुराना गाना सुनाया और मुझसे संगीत पर मेरी रुचि के बारे में पूछने लगे. रात बढ़ती जा रही थी, मुझे घबराहट हो रही थी. कमरे में बिस्तर भी था, आपने कहा यहां आ जाओ, यहां बैठ जाओ, मैंने कहा नहीं मैं कुर्सी पर ही ठीक हूं. उस रात मैं किसी तरह बच गई, आपने मुझे काम दे दिया, मैंने कई महीने आपके साथ काम किया, लेकिन तय कर लिया कभी आपसे रूम में अकेले नहीं मिलूंगी. सालों बाद भी आप नहीं बदले . आपके यहां जो भी नई लड़की काम करने आती थी, आप उसपर अपना अधिकार समझते थे. आप उन्हें प्रभावित करने के लिए गंदी-गंदी तरकीबें अपनाते थे. उनसे कहते थे- मेरी तरफ देखो, पूछते थे क्या तुम्हारी शादी हो गई है, कंधा रगड़ते थे. आप भद्दे फोन कॉल और मैसेज करने में एक्सपर्ट हैं. आप जानते हैं कि कैसे चुटकी काटी जाए. थपथपाया जाए, जकड़ा जाए और हमला किया जाए, आपके खिलाफ बोलने की अब भी भारी कीमत चुकानी पड़ती है. ज्यादातर युवा महिलाएं यह कीमत अदा नहीं कर सकतीं.

भारत में ये कैंपेन पूर्व मिस यूनिवर्स और बॉलीवुड अदाकारा तनुश्री दत्ता के उन आरोपों के बाद शुरू हुआ जिसमें उन्होंने दिग्गज बॉलीवुड स्टार नाना पाटेकर पर यौन शोषण के आरोप लगाए.