सांकेतिक तस्वीर
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ब्रिटेन में 18 महीने के अभियान के बाद, स्कर्ट पहनी किसी लड़की या महिला की जानकारी के बिना उसकी आपत्तिजनक तस्वीर लेना अब एक पृथक अपराध बन गया है।

अब इस तरह का अपराध करने वाले को दो साल के कारावास की सजा होगी और उसका नाम देश के यौन अपराध के दोषियों में जोड़ा जाएगा। नया कानूनी प्रावधान लागू होने से पहले तक इस तरह की तस्वीर लेने वाले के खिलाफ 'सार्वजनिक शालीनता के खिलाफ कृत्य' के तहत अभियोजन होता था। अब इस तरह के कृत्यों के लिए स्पष्ट कानूनी प्रावधान लागू किया गया है।

इस अपराध से जुड़े विधेयक को बृहस्पतिवार को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मंजूरी मिली जिसके बाद यह कानून में तब्दील हो गया। इस कानून की मांग को लेकर 'अपस्कर्टिंग' (स्कर्ट पहनी महिला की आपत्तिजनक तस्वीर लेना) की पीड़ित जीना मार्टिन के नेतृत्व में 18 महीने तक अभियान चला था।

इस बदलाव का श्रेय 26 साल की जीना मार्टिन को जाता है, जिन्होंने अपने साथ हुई घिनौनी हरकत नजरअंदाज नहीं की। उन्होंने इसके खिलाफ 18 महीने तक अभियान चलाकर करीब एक लाख लोगों को साथ जोड़ा। इसके दबाव में ही सरकार को कानून बनाकर सजा का प्रावधान करना पड़ा।

जीना मार्टिन के साथ जब ये सब एक म्यूजिक फेस्टिवल के दौरान हुआ तो वो इस मामले को लेकर पुलिस के पास पहुंची। पुलिसवालों ने यह कहते हुए कार्रवाई करने से इनकार कर दिया कि ये कानूनन अपराध की श्रेणी में नहीं आता। फिर जीना ने इस मामले को फेसबुक पर डाला, जो चर्चा में आ गया। उन्हें बहुत सी लड़कियों ने अपनी आपबीती सुनाई, तब जीना को अहसास हुआ कि ये कोई छोटी समस्या नहीं है। और फिर शुरुआत हुई इसके खिलाफ अभियान चलाने की।

ब्रिटेन में इसे लेकर महिलाओं ने आवाज उठाना शुरू कर दिया। क्योंकि वहां के लड़के बेशर्म होकर इस तरह की तस्वीरें खींचा करते हैं। बेशर्मी इसलिए क्योंकि वहां अपस्कर्टिंग को अपराध नहीं माना जाता। और जो चीज अपराध ही नहीं उसके लिए भला लोग क्यों शर्म करेंगे? फिर तस्वीर लेकर उसे देखकर हंसना और दोस्तों संग शेयर करना, किसी भी लड़की के लिए अपमान के घूंट पीने जैसा होता है। जीना ने यह तय कर लिया कि यह एक तरह का यौन शोषण है और वह इस शर्मनाक हरकत के लिए किसी को माफ नहीं करने वाली।

जीना सोशल मीडिया पर लोगों से समर्थन मांगने लगी। हजारों लोग उसके अभियान में शामिल होते गए। एक लाख लोगों के दस्तखत लेकर उसने अभियान की शुरुआत की। संसद में चर्चा हुई। एक बार बिल अटका भी लेकिन जीना डटी रहीं। आखिर मंगलवार को जीना का संघर्ष मुकाम तक पहुंच ही गया।