प्रज्ञा सिंह ठाकुर
प्रज्ञा सिंह ठाकुरTwitter

मध्य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी की सांसद और मालेगांव विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' करार दिया है। इस बार उन्होंने संसद में यह बात कही। प्रज्ञा ने बुधवार को लोकसभा में एक बहस के दौरान गोडसे को देशभक्त बताया, जिसपर विपक्षी सदस्यों ने कड़ा ऐतराज जताया। बता दें कि ऐसे ही एक बयान की वजह से पीएम मोदी को कहना पड़ा था कि वह प्रज्ञा को कभी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे।

लोकसभा में जब एसपीजी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान डीएमके के सांसद ए. राजा गोडसे के एक बयान का हवाला दे रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा तो साध्वी प्रज्ञा ने उन्हें टोक दिया। बीजेपी सांसद ने कहा, 'आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते।'

राजा ने कहा कि गोडसे ने खुद कबूला था कि 32 सालों से उसने गांधी के खिलाफ रंजिश पाल रखी थी और आखिरकार उसने उनकी हत्या का फैसला किया। राजा ने कहा कि गोडसे ने गांधी की हत्या इसलिए की कि वह एक खास विचारधारा को मानता था।

राजा के बयान के वक्त जब प्रज्ञा ठाकुर ने खड़े होकर उन्हें टोका तो विपक्षी सदस्य विरोध करने लगे और बीजेपी के कई सदस्य भोपाल की सांसद को बैठने के लिए मनाते हुए देखे गए। बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ने लोकसभा चुनाव के दौरान भी नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था जिस पर काफी विवाद हुआ था। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कहना पड़ा कि इस बयान की वजह से वह प्रज्ञा को कभी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर
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गोडसे को देशभक्त बताने संबंधी प्रज्ञा के बयान को लेकर जब संसद से बाहर पत्रकारों ने उनसे पूछा तो उन्होंने इस पर सफाई दी। प्रज्ञा ने कहा, 'पहले उसको पूरा सुनिए, मैं कल जवाब दूंगी।'

बुधवार को ही साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल गैस त्रासदी को लेकर संसद में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लोकसभा में भोपाल गैस त्रासदी का जिक्र करते हुए कहा- 'एंडरसन (1984 भोपाल त्रासदी के दौरान यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन के चेयरमैन-सीईओ) एक आतंकवादी के रूप में सामने आया। एक विदेशी यहां आता है, हजारों को मारता है। कई ऐसे हैं जो अभी भी त्रासदी के पीड़ित हैं। लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उसे भागने में मदद की। असल में यह आतंकवाद है।'

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.