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रिलायंस जियो उपभोक्ताओं से किसी अन्य कंपनी के नेटवर्क पर कॉल करने पर छह पैसे प्रति मिनट की दर से शुल्क लेगी। कंपनी इसकी भरपाई के लिये उपभोक्ताओं को बराबर मूल्य का मुफ्त डेटा देगी। कंपनी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

कंपनी ने बयान में कहा कि जब तक किसी कंपनी को अपने उपभोक्ताओं द्वारा किसी अन्य नेटवर्क पर फोन करने के एवज में भुगतान करना होगा, तब तक उपभोक्ताओं से यह शुल्क लिया जाएगा।

कंपनी ने कहा कि जियो के फोन या लैंडलाइन पर कॉल करने पर शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही व्हाट्सऐप और फेसटाइम समेत इस तरह के अन्य मंचों से किये गये फोन कॉल पर भी शुल्क नहीं लगेगा। सभी नेटवर्क के इनकमिंग फोन नि:शुल्क रहेंगे।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) को 2017 में 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया था। ट्राई ने कहा था कि जनवरी, 2020 तक इसे समाप्त कर दिया जाएगा। अब ट्राई ने इस बारे में परामर्श पत्र जारी किया है।

कंपनी पहली बार उपभोक्ताओं से कॉल का शुल्क लेने वाली है। अभी तक जियो के उपभोक्ताओं को सिर्फ डेटा का शुल्क देना होता था।

दूसरी तरफ भारती एयरटेल ने आरोप लगाया है कि रिलायंस जियो द्वारा अपने ग्राहकों से नेटवर्क से प्रतिद्वंद्वी फोन कंपनियों के नेटवर्क पर वॉयस कॉल के लिए छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लगाने का फैसला इंटरकनेक्ट शुल्क (आईयूसी) को नीचे लाने को दबाव बनाने का प्रयास है। एयरटेल ने इसके साथ ही कहा कि आईयूसी की मौजूदा जारी समीक्षा इस बारे में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा पूर्व में जताई गई मंशा के अनुरूप है।

जियो की इस घोषणा के बाद सुनील मित्तल की अगुवाई वाली भारती एयरटेल का यह बयान आया है। जियो का नाम लिए बिना एयरटेल ने बयान में कहा, ''हमारे एक प्रतिद्वंद्वी ने वॉयस कॉल पर छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लगाने का फैसला किया है। उन्होंने यह समझाने का प्रयास किया है कि ट्राई ने इस मुद्दे को फिर खोल दिया है।''

एयरटेल ने कहा कि यह समीक्षा वास्तव में इस बारे में ट्राई के 2017 के रुख के अनुरूप है। उस समय ट्राई ने कहा था कि नई प्रौद्योगिकी और शुल्क के तरीके के आधार पर इस मुद्दे की फिर समीक्षा की जाएगी।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।