4 जून 2018 को अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आत्मघाती हमले के दौरान चौकन्ने अफ़ग़ान पुलिस के पुलिस अधिकारी. [सांकेतिक तस्वीर]
4 जून 2018 को अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आत्मघाती हमले के दौरान चौकन्ने अफ़ग़ान पुलिस के पुलिस अधिकारी. [सांकेतिक तस्वीर]REUTERS/Omar Sobhani

राष्ट्रपति अशरफ गनी के दौरे के ठीक बाद रविवार को पूर्वी अफगानिस्तान के नांगरहार राज्य की राजधानी जलालाबाद में सिख अल्पसंख्यकों के एक वाहन पर आत्मघाती हमलावर द्वारा बम से हमला कर देने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, जिनमें स्थानीय सिख व हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के 17 लोग शामिल हैं.

बताया जाता है कि मृतकों में सिख समुदाय के एक शीर्ष राजनीतिक नेता भी शामिल हैं.हमले में घायल हुए 20 लोगों में भी अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के ही हैं.

यह धमाका शहर के मध्य में राज्य के गवर्नर के आवास से थोड़ी दूर स्थित एक बाजार मुखाबेरात स्कवॉयर में हुआ, जहां अधिकतर अफगानी अल्पसंख्यक सिखों व हिंदुओं की दुकानें हैं. गवर्नर के प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी ने बताया कि बम इतना शक्तिशाली था कि धमाके में चारों तरफ की दुकानें व मकान ध्वस्त हो गए.

राज्य के पुलिस चीफ गुलाम सनायी स्तेनकजाई ने बताया कि आत्मघाती हमलावर ने राष्ट्रपति से मिलने जा रहे सिख अल्पसंख्यकों के वाहन को निशाना बनाया. धमाके की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है, लेकिन जलालाबाद में पिछले कुछ सालों के दौरान इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों की उपस्थिति बढ़ी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान में आतंकवादी हमलों की दृढ़ता से निंदा की है. उन्‍होंने कहा कि "यह अफगानिस्तान के बहुसांस्कृतिक सोच पर हमला है. मैं शोकग्रस्त परिवारों के साथ हूं. मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द ही ठीक हो जाएँ. भारत इस दुखद क्षण में अफगानिस्तान सरकार की सहायता के लिए तैयार है."