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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को सबरीमाला में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसके लिए उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल होना पड़ा. गुरुवार को केंद्रीय मंत्री ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर कर ट्रोलर्स को मुंहतोड़ जवाब दिया. स्मृति ईरानी ने अपने एक दशक पुराने टीवी सीरियल 'क्योंकि... सास भी कभी बहू थी' से अपनी एक तस्वीर शेयर की जिसमें उनका मुंह बंधा हुआ है.

इस तस्वीर के कैप्शन में स्मृति ने लिखा है: "हम बोलेगा तो बोलेंगे कि बोलता है..." सोशल मीडिया यूजर्स को ईरानी का ट्रोलर्स को जवाब देने का यह अंदाज खूब भा रहा है. कई लोगों ने उनके जवाब देने के तरीके की सराहना की है. अबतक 16 हजार से अधिक लोग इस पोस्ट को लाइक कर चुके हैं.

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#hum bolega to bologe ki bolta hai... ???‍♀️

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सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के दाखिले पर लगे प्रतिबंध को लेकर बीते दिनों केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का बयान चर्चा में रहा था. स्मृति ईरानी ने कहा, ''मैं उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ बोलने वाली कोई नहीं हूं, क्योंकि मैं एक कैबिनेट मंत्री हूं. लेकिन यह साधारण-सी बात है क्या आप माहवारी के खून से सना नैपकिन लेकर चलेंगे और किसी दोस्त के घर में जाएंगे. आप ऐसा नहीं करेंगे.'' उन्होंने कहा, ''क्या आपको लगता है कि भगवान के घर ऐसे जाना सम्मानजनक है? यही फर्क है. मुझे पूजा करने का अधिकार है लेकिन अपवित्र करने का अधिकार नहीं है. यही फर्क है कि हमें इसे पहचानने तथा सम्मान करने की जरूरत है.''

स्मृति ईरानी ने मुंबई में ब्रिटिश हाई कमीशन और आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित "यंग थिंकर्स" कान्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ''मैं हिंदू धर्म को मानती हूं और मैंने एक पारसी व्यक्ति से शादी की. मैंने यह सुनिश्चित किया कि मेरे दोनों बच्चे पारसी धर्म को मानें, जो आतिश बेहराम जा सकते हैं.'' आतिश बेहराम पारसियों का प्रार्थना स्थल होता है.

स्मृति ईरानी ने याद किया जब उनके बच्चे आतिश बेहराम के अंदर जाते थे तो उन्हें सड़क पर या कार में बैठना पड़ता था. उन्होंने कहा, ''जब मैं अपने नवजात बेटे को आतिश बेहराम लेकर गई तो मैंने उसे मंदिर के द्वार पर अपने पति को सौंप दिया और बाहर इंतजार किया क्योंकि मुझे दूर रहने और वहां खड़े न रहने के लिए कहा गया.''