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IANS

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर रविवार रात दो बदमाशों के कथित गोलीबारी करने की घटना में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बनाए गए विश्वविद्यालय के छात्रों और पूर्व छात्रों के समूह 'जामिया समन्वय समिति' (जेसीसी) के एक बयान के अनुसार हमलावर लाल रंग की मोटरसाइकिल पर आए थे। बयान में कहा गया है कि एक बदमाश ने लाल रंग की जैकेट पहन रखी थी।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता और सशस्त्र अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत हत्या की कोशिश का एक मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।

जामिया नगर में इस एक ही सप्ताह में गोलीबारी की यह तीसरी घटना है। गौरतलब है कि शाहीन बाग इलाके में सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान शनिवार को 25 वर्षीय एक युवक ने हवा में गोली चलाई थी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

इससे पहले गत गुरुवार को एक व्यक्ति ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई थी जिसमें जामिया मिल्लिया इस्लामिया का एक छात्र घायल हो गया था।

इस बीच, ओखला से कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिम मोहम्मद खान ने बताया कि हालिया घटना रात करीब साढ़े 11 बजे हुई। एक छात्र ने कहा, '' हमने गोली की आवाज सुनी। जब हम बाहर आए तो दो लोगों को स्कूटी पर जाते देखा।''

उन्होंने कहा, ''हमने वाहन का नंबर तुरन्त लिख लिया और पुलिस को फोन किया।''

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दूसरी तरफ, चुनाव आयोग ने दक्षिणपूर्व दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल को रविवार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। आयोग ने इलाके की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए यह कदम उठाया।

उल्लेखनीय है कि इलाके के शाहीन बाग और जामिया नगर में इस हफ्ते गोलीबारी की घटनाएं हुई थी। आयोग ने अतिरिक्त डीसीपी (दक्षिणपूर्व) कुमार ज्ञानेश को इलाके का प्रभार संभालने का निर्देश दिया है।

चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा, ''चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक यह अवगत कराया जाता है कि चिन्मय बिस्वाल आईपीएस (2008), डीसीपी (दक्षिणपूर्व) अपने मौजूदा पद से तत्काल प्रभाव कार्यमुक्त समझे जाएं और केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करें।''

उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, आयोग निर्देश देता है कि कुमार ज्ञानेश, दानिप्स (1997), चिन्मय बिस्वाल आईपीएस से फौरन डीसीपी (दक्षिणपूर्व) का प्रभार अपने हाथों में लें।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.