सांकेतिक तस्वीर
REUTERS/Giorgio Perottino

अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाले की जांच में जुटी एजेंसियों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. 3,600 करोड़ रुपये की डील के कथित बिचौलिए एवं ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है. दुबई की एक अदालत ने क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार देर शाम इसकी जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले भारत ने इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई आपराधिक जांच के आधार पर खाड़ी देश से आधिकारिक तौर पर इस संबंध में आग्रह किया था, जिसके बाद मंगलवार को अदालत ने यह फैसला दिया.

अधिकारियों ने बताया कि क्रिश्चियन मिशेल जेम्स (54) के खिलाफ आदेश की पूरी जानकारी कल मिल सकेगी क्योंकि कानूनी फैसला अरबी भाषा में है और भारतीय अधिकारियों के आग्रह पर उसका अंग्रेजी में अनुवाद कराया जा रहा है. यह फैसला मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है.

भारतीय जांच एजेंसियों के मुताबिक, अगस्ता वेस्टलैंड को हेलिकॉप्टर का ठेका सुनिश्चित कराने के लिए मिशेल को कम से कम 235 करोड़ रुपये बतौर रिश्वत प्राप्त हुए थे. उसने इस सिलसिले में बार-बार भारत की यात्रा की थी. उसने वर्ष 1997 से 2013 के बीच भारत की 300 यात्राएं की थी. क्रिश्चियन मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे से जुड़े 3,600 करोड़ रुपए के रिश्वत मामले के कथित मध्यस्थों में से एक है.

उल्लेखनीय है कि भारत ने करार की शर्तो के कथित उल्लंघन और 423 करोड़ रुपये रिश्वत देने के आरोपों में एक जनवरी, 2014 को फिनमेक्के निका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ करार रद्द कर दिया था. यह करार वायुसेना को 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए था.

सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में गुइदो हाश्के और कार्लो गेरोसा के अलावा मिशेल तीसरा कथित बिचौलिया है. अदालत द्वारा उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के बाद दोनों जांच एजेंसियों ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था.