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जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में 1 मार्च को आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान पिंटू के परिजनों से मिलने बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से पहुंचे मंत्री को शहीद के परिजनों के गुस्से का सामना करना पड़ा। पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पटना में रैली के बावजूद किसी नेता के शहीद के घर न पहुंचने से नाराज परिजनों ने उन्हें खरी-खरी सुनाई और कहा कि यह शहीद का अपमान है। परिजन और गांववाले इस बात से गुस्सा थे कि रैली से पहले आखिर कोई नेता शहीद के घर क्यों नहीं पहुंचा।

बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा सोमवार को जब शहीद के घर पहुंचे तो परिजनों ने कहा कि वक्त पर न पहुंचकर बीजेपी ने शहादत का अपमान किया है। शहीद पिंटू के परिवार वालों ने कहा, "यह कोई काम नहीं है, आप इतनी देर से श्रद्धांजलि देने आए ये शहीद का अपमान है।"

पिंटू कुमार का शव रविवार सुबह पटना एयरपोर्ट पहुंचा। डीएम, एसएसपी समेत सीआरपीएफ के कई अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी, लेकिन इस दौरान सत्ताधारी दल का कोई भी नेता यहां नहीं पहुंचा। कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, आरजेडी के शिवानंद तिवारी ने पहुंचकर जवान को श्रद्धांजलि दी। गांधी मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली होने के कारण सारे एनडीए के नेता उसी में जुटे रहे।

शहीद पिंटू बिहार के बेगूसराय के रहने वाले थे। किसी भी सत्तादल के नेता के न पहुंचने पर विपक्ष हमलावर हो गया। विपक्षियों ने नीतीश सरकार के बीजेपी के नेताओं पर जमकर हमला बोला। सोशल मीडिया में भी पार्टी की जमकर फजीहत हुई। देर रात बीजेपी के मंत्री विजय सिन्हा शहीद के घर पहुंचे। बीजेपी नेताओं को देखकर शहीद के परिजनों का पारा हाई हो गया।

वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भी ट्वीट करके इस मामले में माफी मांगी। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा, 'हम उन सभी लोगों की ओर से माफी मांगते हैं जिन्हें दुख की इस घड़ी में आपके साथ होना चाहिए था।'